फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) गाय किसान की अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु है, गाय में सभी देवी देवताओं का वास है| पृथ्वी पर गाय का आगमन संपूर्ण मानवजाति को स्वस्थ रखने के लिए हुआ है। डॉक्टर बीमारी का इलाज बीमार होने पर करता है इसके विपरीत गौमाता के दूध, घी, गोमूत्र, गोबर से सब बीमारियों का इलाज हो जाता है। गाय का गोबर बहुत ही पवित्र माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। गाय के गोबर से वायरस बैक्टीरिया आदि दूर होते हैं। गाय को स्वाबलंबी एवं किसान को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस दीपावली पर जिले में तैयार हो रहे हैं गोबर के उत्पाद। इसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है। समूह की महिलाओं को उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है।
गौउत्पाद प्रशिक्षक सुरेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी डॉ० राजेंद्र पेंसिया के मार्गदर्शन में यह संम्पूर्ण कार्य हो रहा है। जिले में इसके लिए आठ समूह की महिलाओं को गोबर से धूपबत्ती, दिया, गणेश लक्ष्मी मूर्ति आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी का यह प्रयास है कि गौशाला स्वाबलंबी एवं आत्मनिर्भर बने।
उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण का प्रारम्भ बढ़पुर ब्लाक के ग्राम बसेली के दो समूह से हुआ है। बसेली में राधिका महिला स्वयं सहायता समूह एवं गौ सदन महिला स्वयं सहायता समूह की 25 महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद महिलाएं मूर्ति, दिए, धूपबत्ती आदि तैयार करेंगी एवं इन्हें बाजार में बिक्री के लिए भेजा जाएगा। ग्राम बसेली में प्रशिक्षण के दौरान रूबी, गीता, अनुराधा, पूनम, ऊषा देवी, उर्मिला सहित समूह की 25 सदस्य उपस्थित रहीं।