लखनऊ: कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की अपहरण के बाद हत्या के मामले में दो महीने से भी अधिक समय बीतने के बाद भी न्याय न मिलने से व्यथित संजीत के परिवारीजन शुक्रवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मिले। इनके बीच करीब आधा घंटा की मुलाकात हुई।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार की बात को सुना। कानपुर से आए संजीत यादव के परिवार की अखिलेश यादव ने दो लाख रुपया की आर्थिक मदद दी। समाजवादी पार्टी की तरफ से पहले भी परिवार को पांच लाख रुपया की आर्थिक मदद दी गई थी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से आज संजीत यादव के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान पीड़ित परिवार ने उनसे अपना दर्द बयां किया। अखिलेश यादव ने संजीत के परिवारजनों को हर संभव मदद एवं न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।
कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की अपहरण के बाद हत्या के करीब दो महीने बाद भी उसका शव न मिलने से परेशान संजीव के पिता, माता व बहन से लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से समाजवादी पार्टी के कार्यालय, विक्रमादित्य मार्ग पर भेंट की। इस भेंट के दौरान सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल तथा पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी भी मौजूद थे।
संजीत यादव की हत्या के आरोपितों के जेल में बंद हो जाने के बाद भी उसका शव न मिलने और सीएम योगी आदित्यनाथ के हां कहने के बाद भी सीबीआइ जांच नहीं होने से उसका परिवार काफी आहत है। कानपुर में कई बार प्रदर्शन करने के बाद भी कोई हल होता न देख आज संजीत यादव के परिवार के लोग पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से लखनऊ में भेंट की। इनकी अखिलेश यादव से मुलाकात दिन में करीब एक बजे हो गई। इससे पहले गुरुवार को लखनऊ जा रहे संजीत के परिवार के लोगों को कानपुर पुलिस ने रामादेवी फ्लाईओवर पर रोक लिया। उन्हेंं समझा-बुझाकर वापस लौटा दिया था।
कानपुर पुलिस शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा में संजीत यादव के परिवार के लोगों को लेकर लखनऊ आई। पुलिस की सुरक्षा में संजीत के स्वजन को कानपुर नगर सपा अध्यक्ष अपने साथ लखनऊ लाए। इनको पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलना था। संजीत के स्वजन के साथ बर्रा थाने की पुलिस भी है। इनकी भेंट के लिए अखिलेश यादव के निजी सचिव ने कानपुर प्रशासन से पीडि़त परिवार से मुलाकात को लेकर पत्र लिखा था|
गौरतलब है कि कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का 22 जून को अपहरण हुआ था। 29 जून को उनके परिवार के लोगों से 30 लाख की फिरौती के लिए फोन आया। फिरौती लेने के बाद बदमाश पुलिस की आंख के सामने से भाग गए। इसके बाद भी उनका कोई पता चला। पुलिस ने 21 जुलाई को सॢवलांस की मदद से संजीत के दो दोस्तों को पकड़ा। उन्होंने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उन लोगों ने 26 जुलाई को संजीत की हत्या कर उसका शव को पांडु नदी में फेंक दिया था। पुलिस ने पांडु नदी में कई बार सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन संजीत का शव नहीं मिला। इसके बाद से पुलिस न तो अपहरणकर्ताओं को पकड़ पाई, न ही संजीत यादव को बरामद कर सकी और पैसे भी चले गए।
परिवार के लोगों की मांग पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की हामी भरी थी, लेकिन सीबीआई जांच अभी तक शुरू नहीं हो सकी है, न ही पुलिस संजीत का शव बरामद कर सकी है। पीडि़त परिवार काफी आक्रोशित है। पीडि़त परिवार की मांग है कि संजीत की बहन को सरकारी नौकरी मिले और इस मामले की जांच जल्द से जल्द सीबीआई से शुरू कराई जाए।