फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर यानी शनिवार को प्रथमपूज्य श्रीगणेश के पूजन का उत्सव आरंभ हो गया। ढोल-नगाड़ों की थाप के बीच ‘गणपति बप्पा मोरया’ के उद्घोष करते हुए भक्त विधि-विधान से गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गयीं। साल भर में पडऩे वाली चतुॢथयों में यह सबसे बड़ी मानी जाती है। गणेश चतुर्थी पर गणपति का पूजन करने से संपन्नता, समृद्धि, सौभाग्य और धन का समावेश होता है।
नगर में धूमधाम से गणेश चतुर्थी बनायी जा रही है| मूर्तिकारों नें रोंक के बाद भी हजारों की संख्या में प्रतिमाओं की बिक्री की है| गणेश उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाएगा। इसमें प्रत्येक दिन प्रातः व संध्या आरती का आयोजन होगा। श्री गणेश को विभिन्न प्रकार के घर पर निर्मित प्रसाद का भोग लगाया जाएगा। इसमें उनका प्रिय भोग मोदक सर्वप्रिय रहेगा साथ ही श्री गणेश को छप्पन भोग का भी भोग लगाया जाएगा।
सुबह 11 बजे भगवान श्री गणेश की प्रतिमा की स्थापना की गई पूजन सामग्री में जल कलश, लाल कपड़ा, रोली, सुपारी, लॉन्ग, पंचमेवा, नारियल, दूब, धी कपूर इत्यादि सामग्री का प्रयोग कर पूजन विधि विधान के साथ किया गया। पूजन के उपरांत आरती, मंत्र, भजन आदि से गणपति का स्वागत किया गया। कहा यह जाता है कि आज गणेश चतुर्थी के शुभ मुहूर्त में भगवान श्री गणेश जी के 108 नामों के जप से सभी प्रकार की बाधाएं को दूर किया जा सकता है| 31 अगस्त दिन सोमवार को अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान श्री गणेश जी के मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा।