फर्रुखाबाद:(अमृतपुर प्रतिनिधि) जिलाधिकारी के लाख कहने के बाद भी अभी तक गंगा के किनारे रह रहे लोगों को प्रशासन नही हटा सका| घरों के दरवाजों के बाहर ही गंगा की धार उफान भर रही है| लेकिन अभी तक ग्रामीणों को पट्टे की भूमि पर लेजाकर बसाया नही जा सका| जिम्मेदार अफसर केबल बातों के बताशे फोड़ने में लगे रहे और लापरवाही की बाढ़ में मासूम अंशिका की जिन्दगी ही वह गयी| उसकी गलती क्या थी| जिसके चलते उसे अपनी जिन्दगी से हाथ धोना पड़ा| इसका जबाब किसी के पास शायद नही है!
तहसील क्षेत्र के ग्राम अल्लाह दादपुर निवासी नन्हे की 3 वर्षीय पुत्री अंशिका रविवार को घर के बाहर खेल रही थी| उसी दौरान घर के सामने से निकली गंगा के पानी से बने गड्ढे में वह समा गयी और जब ग्रामीणों नें उसे निकाला तब तक उसके जीवन गंगा के तेज बहाव में वह गया|
सूचना मिलने पर तहसीलदार प्रदीप कुमार मौके पर पंहुचे और परिजनों को खरीखोटी सुनकर मौके से हटने की नसीहत दी| लेकिन नसीहत इससे पूर्व भी कई बार ग्रामीणों हटने की और हुक्मरानों को उन्हें हटाने की दी जा चुकी है| लेकिन नतीजा अंशिका की अकारण मौत तक पंहुच गया| वह नन्ही सी जान परिजनों और प्रशासन की लापरवाही में पिस गयी|
विदित हो की जिस जगह अंशिका अकाल मौत हुई उसी जगह का जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह नें 26 जुलाई को निरीक्षण किया था| उन्होंने भी आवासीय पट्टो पर रहने की सलाह दी थी| लेकिन आज तक उसका निर्देश केबल अखबारी हेडलाइन ही बन कर रह गया | तहसीलदार प्रदीप कुमार नें बताया कि बाहर से जगह खरीद कर यहाँ के ग्रामीणों को बसाया जायेगा| मासूम की मौत पर उसके परिवार को किसी तरह का मुआबजा भी नही बन रहा है|
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