फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस उत्साह के साथ मनाने के लिए लोग तैयारी में जुटे हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण ने इस बार पूरी तस्वीर बदल दी है। सरकारी और निजी विद्यालय बंद रहने से बच्चों का उत्साह भी गायब हो गया है। स्वतंत्रता दिवस को लेकर इस बार तिरंगा की बिक्री पर भी कोरोना का असर साफ दिख रहा है। कोरोना संकट के बीच इस बार देश में 74वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जायेगा। बाजारों में इस बार दुकानों पर स्वतंत्रता दिवस के लिए तिरंगों और सजावटी आइटमों की धूम है। तिरंगा मास्क को लोग खूब पसंद कर रहे हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर झंडों के अलावा सबसे अधिक बैज, हाथ में पहने जाने वाले बैंड, पगड़ी आदि की बिक्री होती है. लेकिन कोरोना के चलते इस बार इनकी डिमांड कम है| इनकी जगह अलग-अलग तिरंगा स्टाइल के मास्क युवाओं को खूब लुभा रहे हैं। मास्क को अलग-अलग तरह से सजाया गया है ताकि ये देखने में अच्छे लगे। स्कूल बंद होने के कारण सजावटी आइटमों की बिक्री कम है।
राष्ट्रीय पर्व के मौके पर बाजारों में तिरंगे के अलावा स्टीकर, बैज व रिस्ट-बैंड, आकर्षक तिरंगे का डिजाइन किया हुआ विभिन्न प्रकार की टोपी, तिरंगा पट्टा व टैटू आदि की खूब बिक्री होती थी। प्लास्टिक व कागज पर लेमिनेशन किये झंडे भी बच्चों की खास पसंद रहती थी। दुकानदारों की मानें तो तिरंगा की लगभग 70 फीसद बिक्री स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थान द्वारा होती थी लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के कारण पहले की तरह झंडा के डिमांड नहीं है।
दुकानदार जगदीश नें बताया कि स्वतंत्रता दिवस पर कोरोना का पूरा असर है। पहले से ही स्कूल और कोचिग बंद रहने से तिरंगे की डिमांड नहीं के बराबर है। इसके बाद प्रशासन द्वारा 16 अगस्त तक लॉक डाउन लगा दिया गया है। दुकान में तिरंगे सहित अन्य सामान का स्टॉक है मगर दुकान खोलकर एवं बिक्री करने में डर लगता है। प्रशासन को कम से कम राष्ट्रीय पर्व को लेकर तिरंगे की बिक्री करने की अनुमति देनी चाहिए। हमलोग पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
शहर के बढपुर, नेहरु रोड़ आदि जगह पर तिरंगे से बाजार सजे है लेकिन ग्राहक गैर हाजिर है|