गर्भवती महिलाओं में खून की कमी से बचाता बेहतर पोषण

FARRUKHABAD NEWS कोरोना जिला प्रशासन

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) जनपद के लगभग सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सिविल अस्पताल लिंजीगंज और डॉ० राममनोहर लोहिया चिकित्सालय महिला में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया गया| जिसमे गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गई। महिलाओं की जांच के दौरान कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन किया गया|
जनपद कोरोना महामारी से जूझ रहा है तो ऐसे में हमें अपने घर में मौजूद गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे शिशु का खास ध्यान रखना होगा |  इसी को देखते हुए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सिविल अस्पताल लिंजीगंज और डॉ० राममनोहर लोहिया चिकित्सालय महिला में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया गया | जिले भर में  गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गई।
सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मोहम्मदबाद में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया गया| जिसके तहत 76 गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जाँच की गयी|  जिसमें से 3 गर्भवती महिलाएं उच्च जोखिम की निकली|  सभी गर्भवती महिलाओं को उचित सलाह, दवा और स्वल्पाहार वितरित किया गया|
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० दलवीर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ उन्हें बेहतर परामर्श देना है। साथ ही कहा कि बेहतर पोषण गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को होने से बचाता है। इसलिए सभी गर्भवती महिलाओं को जांच के बाद पोषण के बारे में भी जानकारी दी जाती है। जिससे प्रसव के दौरान होने वाली जटिलता में काफी कमी भी आती है और इससे होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है।
सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ० सौरभ कटियार ने कहा कि अत्यधिक रक्त स्त्राव से महिला की जान जाने का खतरा सबसे अधिक होता है। प्रसव पूर्व जांच में यदि खून सात ग्राम से कम पाया जाता है तब ऐसी महिलाओं को आयरन की गोली के साथ पोषक पदार्थों के सेवन के विषय में सलाह भी दी जाती है, गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अत्यधिक या कम वजन एवं अत्यधिक खून की कमी प्रसव संबंधित जटिलता को बढ़ा सकता है। इस दिशा में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना प्रभावी रूप से सुदूर गांवों में रहने वाली महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है एवं इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी अंकुश लगाने में सफलता मिल रही है ।
सुरक्षित प्रसव में हुई है बढ़ोतरी-
जिला कार्यक्रम प्रबंधक कंचन बाला ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास में काफी सफलता मिली है। स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता के साथ अभियान को सफल बनाने में आशाओं की भूमिका भी सराहनीय है। आशाएं सामुदायिक स्तर पर उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उसे प्रत्येक महीने की नौवीं तारीख को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ रेफरल अस्पतालों पर प्रसव पूर्व जांच के लिए ससमय संदर्भित करती हैं एवं खुद भी उपस्थित होती हैं।
डीपीएम ने बताया कि इस कोरोना काल में 1 अप्रैल से अब तक लगभग 6494 सुरक्षित प्रसव स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा कार्यकर्त्ता के सहयोग से कराये जा चुके हैं| इस दौरान स्त्री रोग विशेषज्ञ सोनी, बीपीएम पारुल बीसीपीएम जनक सिंह, स्टाफ नर्स मोना एएनएम रोजी आशा कार्यकर्त्ता और गर्भवती महिलाएं मौजूद रहीं|