अम्बेडकर नगर: कोरोना वायरस संक्रमण काल में लॉकडाउन के बाद भी शाही विदाई जुलूस निकालने वाले थानाध्यक्ष मनोज सिंह की रंगबाजी धरी रह गई है। एसपी ने उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए निलम्बित कर दिया है। इस मामले में सोशल डिस्टेंसिंग व महामारी ऐक्ट के प्रावधान का उल्लंघन करने के आरोप में पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।
एसपी आलोक प्रियदर्शी ने कानून का उल्लंघन करने के मामले में थानाध्यक्ष जैतपुर मनोज सिंह को निलम्बित करने के बाद पुलिस लाइन भेज दिया है। एसपी ने अम्बेडकर नगर के बसखारी से जैतपुर स्थानांतरित थानाध्यक्ष मनोज सिंह को उनकी लापरवाही पर निलम्बित कर दिया है। इनको विधायक के धरना देने के बाद एसओ बसखारी के पद से हटाया गया ता। मनोज सिंह को मंगलवार रात तो ही जैतपुर भेजा गया था। मनोज सिंह ने बुधवार को बसखारी थाना से अपनी रवानगी करते समय पुलिसकर्मियों के साथ चार दर्जन से अधिक लोगों के तथा एक दर्जन गाड़ियों के साथ शाही जुलूस निकाला था।
इससे पहले मनोज सिंह मंगलवार तथा बुधवार को अम्बेडकर नगर में काफी चर्चा का विषय बने थे। कोरोना वायरस संक्रमण में लॉकडाउन के दौरान कानून के रखवाले ही उसका उल्लंघन करने में जुटे हैं। मामला थानेदार के तबादला का है। भाजपा विधायक की शिकायत पर यहां एक थानेदार के तबादले के बाद विदाई में ऐसा जुलूस निकला मानो किसी नेता के चुनाव जीतने के बाद का हो। इतना बड़ा जुलूस ऐसे समय निकला जबकि धारा 144 लागू होने के साथ ही फिजिकल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन का निर्देश है। फिलहाल थानेदार की विदाई का यह वीडियो बेहद चर्चा में है। विधायक के विद्रोह पर मनोज सिंह को थानाध्यक्ष बसखारी से हटाकर एसपी ने जैतपुर थाने पर तैनाती दी।
अम्बेडकरनगर के टांडा से भारतीय जनता पार्टी की विधायक संजू देवी ने अवैध वसूली के आरोप में बसखारी के थानाध्यक्ष मनोज सिंह पर कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद मनोज सिंह का तबादला कर दिया गया और जैतपुर थाने पर बतौर थाना इंचार्ज तैनाती कर दी गई। मनोज सिंह की जब बसखारी से विदाई हुई तो पुलिस वाहन 112 पर सवार दर्जनों पुलिसकर्मी बिना मास्क के विदाई जुलूस में शामिल हुए। इनके साथ खुले में बिना हेल्मेट के बाइक पर सवार पुलिसकर्मी भी पायलट की भूमिका में थे। विदाई के जश्न के दौरान ना तो किसी ने मास्क लगाया हुआ था और ना ही किसी तरह की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता दिख रहा था। इस दौरान सिर्फ उस थाने की ही नहीं, बल्कि थाना क्षेत्र की अन्य सरकारी गाड़ियों को बुलाकर इस काफिले में शामिल किया गया। एक बड़े जश्न के तौर पर मनोज सिंह को विदाई दी गई। लोगों में एसओ की विदाई को लेकर इस तरह चर्चा है कि मानो दारोगा ने लोकसभा या विधानसभा का चुनाव जीत लिया हो|
कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न से नाराज विधायक संजू देवी ने समर्थकों के साथ बसखारी थाने में धरना दिया तो तबादला होने पर दारोगा ने उन्हें जवाब देते हुए विदाई जुलूस निकालकर सनसनी फैला दी। यह जुलूस तब निकाला गया है जब कोरोना को लेकर किसी प्रकार के जुलूस व प्रदर्शन आदि पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसमें भी वर्दी पहने पुलिसकर्मी बिना मास्क के बाकायदा मोटरसाइकिल व जीप व फूलमाला सजाए सवार थे। हूटर बजाती सरकारी गाड़ियां ऐसे सड़क पर भ्रमण कर रहीं थी मानों वह किसी नेता के नामांकन जुलूस में जा रहीं थी।अम्बेडकर नगर में लॉकडाउन के बाद भी थानेदार की शाही विदाई का वायरल वीडियो बेहद चर्चा में है। इस थानेदार का तबादला भाजपा के एक विधायक की शिकायत पर हुआ था। अम्बेडकर नगर जिले में बसखारी के थानाध्यक्ष मनोज सिंह का तबादला रिश्वत लेने के आरोप में भाजपा विधायक संजू देवी की शिकायत पर किया।
इसके बाद जब उसका तबादला हुआ तो एक दर्जन गाड़ियों, जिनमें कई सरकारी गाड़ी भी थी, के साथ तमाम पुलिसकर्मियों ने भी उनको शाही विदाई दी। बसखारी थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह की विदाई के दौरान बसखारी थाने में करीब 150-200 की भीड़ जुटी। इतना ही नहीं, सारे नियम-कानून को ताक पर रखकर जुलूस भी निकाला गया। यहां स्थानांतरित होकर दूसरे थाने में ड्यूटी ज्वाइन करने जा रहे एसओ का विभिन्न मार्गों पर बीच सड़क पर फूल-मालाओं से लादकर गर्मजोशी से हुए स्वागत ने फिजिकल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ायी गईं।
देश में अभी भी लॉकडाउन 5.0 लागू है। इस दौरान कहीं पर भी भीड़ एकत्र करना या फिर किसी तरह के काफिला निकालने की मनाही है। इसी दौरान ही अम्बेडकरनगर जिले से एक थानेदार की विदाई की ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो लॉकडाउन में लगी पाबंदियों पर ही सवाल खड़े कर देती है। रिश्वत लेने के आरोप में हुई थानाध्यक्ष की विदाई के दौरान बिना मास्क के कई दर्जन पुलिसकर्मी शामिल हुए। इसमें भी खुली जीप, बाइकों पर भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया गया। अब वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष के नेताओं के साथ लोग कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं।
दरअसल, कोटेदार के साथ हुए विवाद में विधायक प्रतिनिधि श्याम बाबू गुप्ता व उनके अन्य साथियों के खिलाफ थानाध्यक्ष बसखारी मनोज कुमार सिंह ने रिपोर्ट दर्ज किया था। सत्ता के खिलाफ दर्ज हुई इस रिपोर्ट के साथ ही तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई थी। बताया जा रहा कि गत 27 मई को विधायक टांडा अपने समर्थकों के साथ बसखारी थाने पहुंची और कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न का आरोप लगाकर थानाध्यक्ष को हटाने के लिए धरने पर बैठ गईं। इसके बाद पहुंचे उच्चाधिकारियों के मान-मनौव्वल पर वह उठीं और एसपी आलोक प्रियदर्शी से मिलकर नाराजगी जताते हुए त्वरित कार्रवाई की बात कही।
एसपी ने प्रकरण की जांच कराई और पांच दिन बाद कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह का तबादला बसखारी से जैतपुर कर दिया और वहां के थानेदार पीएन तिवारी को बसखारी की जिम्मेदारी सौंपी। तबादले को अपनी जीत मानते हुए थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने अपना विदाई जुलूस निकाला था। इसमें लॉकडाउन व इसके को लेकर जारी निषेधाज्ञा का खुलेआम उल्लंघन किया है। विदाई जुलूस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिम्मेदार अधिकारी बगले झांकने लगे। एसपी ने कहा कि मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।