लखनऊ: अब उत्तर प्रदेश भर के शॉपिंग मॉल्स में भी विदेशी शराब और बीयर की बिक्री हो सकेगी। मंत्रिपरिषद ने विदेशी शराब की फुटकर बिक्री के लिए लाइसेंस व्यवस्थापन नियमावली 2020 पर मुहर लगा दी है। आबकारी विभाग शॉपिंग मॉल्स में सील्ड बोतल में शराब बिक्री के लिए लाइसेंस जारी करेगा। मॉल्स में खुलने वाली दुकानें मौजूदा दुकानों के अतिरिक्त होंगी। हालांकि, अभी लॉकडाउन के चलते 31 मई तक प्रदेशभर के शॉपिंग मॉल्स बंद हैं।
प्रमुख सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि अभी विदेशी शराब की बिक्री फुटकर दुकानों व मॉडल शॉप्स में हो रही है, क्योंकि मॉल्स में विदेशी शराब की फुटकर बिक्री का नियमावली में प्रावधान नहीं था। अब मंत्रिमंडल की ओर से नियमावली बदलने पर मुहर लग गई है, जिससे सील्ड बोतलों में मॉल्स में भी विदेशी शराब की बिक्री के लिए लाइसेंस स्वीकृत किए जाएंगे। यह दुकानें वर्तमान में संचालित दुकानों के अतिरिक्त होंगी। असल में, मॉल्स में खरीदारी के बढ़ते चलन को देखते हुए शराब के प्रीमियम ब्रांडों की बिक्री की अनुमति देने के लिए नियमावली बनाई गई है।
इन्हेंं मिल सकेगा लाइसेंस
प्रमुख सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि किसी भी पात्र व्यक्ति, कंपनी, भागीदारी फर्म, प्रोपराइटरी फर्म या सोसाइटी को लाइसेंस दिया जा सकता है। मॉल का न्यूनतम क्षेत्रफल दस हजार वर्ग फीट होना चाहिए जिसमें डिपार्टमेंटल स्टोर्स, सुपर मार्केट या हाइब्रिड हाइपर मार्केट हो। प्रीमियम रिटेल वैंड में न्यूनतम 500 वर्ग फीट का कारपेट एरिया होना चाहिए। वहां ग्राहकों को सुविधा से प्रवेश करने व खुद से ब्रांड चुनने की सहूलियत दी जाए। दुकान सुसज्जित वातानुकूलित होगी और विभिन्न प्रकार के ब्रांड प्रदर्शित किए जाएंगे।
केवल बिक्री, सेवन की अनुमति नहीं
प्रीमियम रिटेल वैंड में केवल आबकारी आयुक्त की ओर से अधिकृत विदेशी शराब की बिक्री की जा सकेगी। परिसर में शराब के सेवन की अनुमति नहीं होगी।
इन ब्रांडों की होगी बिक्री
विदेशी शराब ब्रांड (बीआइओ)
देश में बनी विदेशी शराब स्कॉच या इससे उच्च श्रेणी के ब्रांड
ब्रांडी, जिन और वाइन के सभी ब्रांड
वोदका व रम के 700 रुपये से अधिक अधिकतम फुटकर मूल्य वाले ब्रांड और 160 रुपये या इससे अधिक प्रति 500 एमएल कैन के अधिकतम फुटकर मूल्य वाले ब्रांड होंगे। इसी के बराबर बीयर के भी विभिन्न ब्रांड होंगे।
पुनर्आसवन में छीजन की दर में एक प्रतिशत की कमी
उत्तर प्रदेश में शराब को बनाने में नई टेक्नोलॉजी आधारित प्लांट का उपयोग किया जा रहा है। मशीनरी आधारित इन प्लांटों के संचालन में काफी कम मात्रा में छीजन निकल रहा है। इसलिए शासन ने हर श्रेणी में वर्तमान अनुमन्य सीमा में छीजन की दर में एक प्रतिशत की कमी की है। प्रमुख सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि पहले से तय छीजन की दर को राजस्व बढ़ाने के लिए कम किया गया है। इसीलिए देशी व विदेशी शराब की पुनर्आसवन नियमावली में संशोधन किया गया है।