लखनऊ:कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच अभी पत्रों के आदार-प्रदान का सिलसिला जारी है। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी के देर रात 1000 बसों को लेकर पत्र के माध्यम से भेजे निर्देश के बाद प्रियंका वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह ने भी जवाब दिया। इसके तत्काल बाद यूपी सरकार की तरफ से भी जवाब आ गया कि बसें नोएडा और गाजियाबाद ही भेज दी जाएं।दरअसल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 1000 बसों की सूची भेजने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें फिर से एक नया पत्र भेजा है। देर रात अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रियंका वाड्रा के निजी सचिव को पत्र लिखा कि सभी बसें लखनऊ स्थित वृंदावन योजना सेक्टर- 15 और 16 में पूर्वाह्न 10 बजे लाकर खड़ी करें। सभी बसों के चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस, परिचालकों के परिचय पत्र और बसों के फिटनेस प्रमाण पत्र जिलाधिकारी लखनऊ को सौंप दें। अनुमति पत्र दे दिए जाएंगे।
इस पर प्रियंका वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह ने पत्र के माध्यम से ही जवाब दिया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गाजियबाद और गाजीपुर बॉर्डर से 500 बसें और नोएडा से 500 बसें चलाकर दिल्ली-एनसीआर में फंसे प्रवासी श्रमिकों व कामगारों को घर लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी। इस संबंध में हमसे बसों और चालकों का विवरण मांगा गया, जिसे कुछ समय के बाद ईमेल से उपलब्ध करा दिया गया, लोकिन आश्चर्य की बात यह है कि मुख्यमंत्री ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि वह पिछले दिन तीन से हमसे बसों की सूची मांग रहे थे। फिर सोमवार देर रात 11.40 बजे ईमेल से यूपी सरकार का एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें 1000 बसों का तमाम दस्तावेज लखनऊ में सुबह 10 बजे देने की बात कही गई है।प्रियंका वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर हजारों की भीड़ रजिस्ट्रेशन केंद्रों पर उमड़ी है, ऐसी स्थिति में एक हजार बसों को लखनऊ भेजना न सिर्फ समय और संसाधनों की बर्बादी है बल्कि अमानवीयत भी है। हम अपनी बात पर अडिग हैं और संकट में फंसे प्रवासी श्रमिकों और कामगारों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गाजियबाद और गाजीपुर बॉर्डर पर बसों को चलाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये जाएं।यूपी सरकार का जवाब
प्रियंका वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह के पत्र के जवाब में उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी कहा कि यदि लखनऊ में बसें देने में असमर्थ हैं तो ऐसी स्थिति में जिलाधिकारी गाजियाबाद को 500 बसें और जिलाधिकारी नोएडा को 500 बसे उपलब्ध करा दें। दोनों डीएम को इस संबंध में अवगत करा दिया गया है। जिला प्रशासान इन बसों को रिसीव करेगा और उनका उपयोग करेगा। उन्होंने कहा है कि गाजियाबाद में कौशाम्बी बस अड्डा व साहिबाबाद बस अड्डा और नोएडा में एक्सो मार्ट के निकट ग्राउंड पर बसें उपलब्ध करा दें। उन्होंने कहा कि दोनों जिलाधिकारियों से कहा गया है कि बसों का परमिट, फिटनेस और इंश्योरेंश आदि पेपर की जांच कर बसों का इस्तेमाल किया जाए।
यह है पूरा मामला
आपको बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लॉकडाउन के कारण उत्तर प्रदेश के लाखों प्रवासी श्रमिक और कामगार दूसरे राज्य में फंसे हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के सामने अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों और कामगारों के लिए 1000 बसों का प्रस्ताव रखा था, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया। यूपी के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने कांग्रेस के इस 1000 बसों के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए बसों और ड्राइवरों का विवरण मांगा था। सोमवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मीडिया को तो बसों की सूची दिखाई ही, कुछ घंटे बाद प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह ने अपर मुख्य सचिव गृह को ई-मेल के जरिए एक हजार बसों की सूची भी भेज दी। साथ ही कहा कि मंगलवार को बॉर्डर पर सभी बसें चलाने के लिए तैयार कर दी जाएंगी। आप अनुमति पत्र जारी कर दें। अब सरकार ने सभी बसें डीएम लखनऊ के सिपुर्द करने की बात कह दी है।
चलीं तो कितनी मददगार होंगी 1000 बसें
यूपी की योगी सरकार के दावे के मुताबिक, 590 ट्रेन से सात लाख 60 हजार प्रवासी श्रमिक-कामगार अब तक उत्तर प्रदेश लाए जा चुके हैं। वहीं, हर दिन दस हजार से ज्यादा बसों के फेरे हो रहे हैं, जिनसे एक लाख लोगों को गंतव्य तक पहुंचाया गया है। ऐसे में यह एक हजार बसें चलती हैं या नहीं और चलती हैं तो कितनी मदद कर पाएंगी, यह देखना होगा।