लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण पर लॉकडाउन के साथ तमाम जतन करने के बाद भी इसका असर बढ़ता देख योगी आदित्यनाथ सरकार ने सख्ती भी बढ़ा दी है। अब लॉकडाउन में बाहर निकलने पर हजार रुपया जुर्माना के साथ इसके उल्लंघन पर लाइसेंस भी जब्त होगा। चार पहिया तथा दो पहिया वाहन के मामले में जुर्माना भी बढ़ाया गया है। बिना मास्क के मिलने पर सौ रुपया तथा थूकते समय पकड़े गए 500 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए अब और सख्ती की जाएगी। महामारी विकराल रूप न ले और लोग बेवजह घरों से बाहर न निकलें, इसके लिए सख्त नियमों के चाबुक से उन्हें काबू किया जाएगा। राज्य सरकार ने बीते दिनों इसके लिए महामारी विनियमावली में दूसरी बार संशोधन किया था। शनिवार को उप्र महामारी कोविड-19 (द्वितीय संशोधन) विनियमावली सरकारी गजट में अधिसूचित कर दी गई जिससे यह पूरे प्रदेश में प्रभावी हो गई है।
विनियमावली के लागू होने पर अब लॉकडाउन में बाहर निकलने, मास्क न पहनने, सार्वजनिक स्थल पर थूकने और दो पहिया वाहन पर दो व्यक्ति के बैठने पर जुर्माना लगाया जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने पर विभिन्न कृत्यों के लिए 100 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा। वहीं दो पहिया वाहन चला रहे व्यक्ति का लाइसेंस भी रद किया जा सकता है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि ऐसा व्यक्ति जो कोविड-19 से पीडि़त नहीं है फिर भी लॉकडाउन में बाहर निकलने पर पकड़ा गया तो अब पहली बार में न्यूनतम 100 रुपये से लेकर अधिकतम 500 रुपये तक का जुर्माना देना होगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर न्यूनतम 500 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक जुर्माना अदा करना होगा। दूसरी बार के बाद प्रत्येक उल्लंघन पर 1000 रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। इसी तरह बिना मास्क, गमछा, रुमाल, दुपट्टा या स्कार्फ से मुंह ढके बाहर निकलने और सार्वजनिक स्थल पर थूकते पाये जाने पर तो पहली व दूसरी बार में 100 रुपये दंड शुल्क वसूला जाएगा। तीसरी बार पकड़े जाने और उसके बार प्रत्येक उल्लंघन पर 500 रुपये देने पड़ेंगे। इसके अलावा अब दो पहिया वाहन पर पिछली सीट पर कोई दूसरा व्यक्ति नहीं बैठ सकेगा।
इसके लिए भी अलग-अलग जुर्माने का प्रावधान कर दिया गया है। अगर दो पहिया वाहन की पिछली सीट पर बैठा कोई व्यक्ति मिला तो पहली बार में 250 रुपये जुर्माना, दूसरी बार पकड़े जाने पर 500 रुपये और तीसरी बार पकड़े जाने पर 1000 रुपये तक जुर्माना देना होगा। अगर तीसरी बार के बाद कोई व्यक्ति उल्लंघन करता पकड़ा गया तो उसका लाइसेंस भी रद किया जा सकता है। इन समस्त मामलों में जुर्माना लगाने की शक्ति संबंधित न्यायालय या कार्यपालक मजिस्ट्रेट या फिर ऐसे पुलिस अधिकारी, जो चालान करने वाले पुलिस अधिकारी की श्रेणी से ऊपर का हो लेकिन निरीक्षक की श्रेणी से नीचे का न हो, उसे दी गई है।
दोपहिया वाहन पर दूसरे व्यक्ति के लिए विशेष परिस्थितियों में छूट
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि दोपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाले व्यक्ति को विशेष परिस्थिति में छूट दी गई है। मसलन अगर दूसरा व्यक्ति या महिला जिसे दोपहिया चलाना नहीं आता है, लेकिन आफिस या आवश्यक कार्य के लिए उसे जाना पड़ रहा है तो वह पीछे बैठ सकते हैं। इसके लिए उसे किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी। इसके बाद ही दोपहिया वाहन पर पीछे बैठकर सफर कर सकेंगे। पीछे बैठने वाले के लिए हेलमेट और मास्क लगाना अनिवार्य होगा।
21 दिन तक कोई संक्रमण नहीं तो हाॅटस्पाॅट क्षेत्र से मुक्त
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को बताया कि जो भी हाॅटस्पाॅट एरिया हैं, उनमें 21 दिन तक यदि कोई भी संक्रमण नहीं आता है तो उसे हाॅटस्पाॅट क्षेत्र से मुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु अलर्ट जनरेट होने पर लोगों को कंट्रोल रूम से काॅल किया जा रहा है। अब तक कुल 8,500 लोगों को फोन कर हाल-चाल पूछा जा चुका है। विभिन्न प्रदेशों से आ रहे प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों के घर आशा वर्कर्स जाकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ले रहीं हैं। यदि उनमें किसी प्रकार का कोई लक्षण है तो उन्हें हाॅस्पिटल भेजा जा रहा है।
हेल्पलाइन नंबर 18001805145 पर ले सकते हैं मदद
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि लक्षण रहित प्रवासी श्रमिकों के लिए 21 दिनों के होम क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई है। यदि उनमें कोई लक्षण पाए जाते हैं तो उनकी जांच कराई जाती है, संक्रमित होने पर उन्हें अस्पताल में रखकर उनकी चिकित्सा की जाती है। लक्षण उपस्थित होने की स्थिति में अगर वे संक्रमित नहीं पाए जाते हैं तो भी उनको 7 दिनों तक रोका जाता है और उसके बाद पुनः जांच करके 14 दिनों के होम क्वारंटाइन के लिए भेजा जाता है। हमारा हेल्पलाइन नंबर 18001805145 है। यदि किसी में खांसी, बुखार या सांस फूलने जैसे लक्षण हैं तो तत्काल इस नंबर पर काॅल करें, विशेषज्ञ आपको सलाह देंगे कि आप घर में ही आराम करें अथवा अपनी जांच करवाएं।
जांच और उपचार की व्यवस्था सरकार द्वारा निश्शुल्क
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि यदि हमारे विशेषज्ञ काॅल पर किसी को सलाह देते हैं कि उन्हें अपनी जांच करवानी चाहिए। वे नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाएं और जांच करवाएं। संक्रमण होने पर जांच और उपचार की व्यवस्था सरकार द्वारा निश्शुल्क की जाएगी। इस बीमारी से बिल्कुल न घबराएं, सामने आएं और अपनी जांच करवाएं। अधिकांश लोग अस्पताल से ठीक होकर अपने घर जा रहे हैं इसलिए किसी भी प्रकार से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। साबुन, पानी से हाथ धोते रहें, मुंह और नाक को मास्क, रुमाल, दुपट्टे या गमछे आदि से ढक कर रखें, साथ ही फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करें, इस समय यह बहुत आवश्यक है। घर से अनावश्यक रूप से न निकलें। संक्रमण से बचाव ही एक मात्र रास्ता है, इस पर सभी लोगों को ध्यान देना चाहिए।