कोबिड़-19 के खौफ से गुम हुई शहनाई की गूंज, सैकड़ो शादियां लॉक डाउन

FARRUKHABAD NEWS FEATURED जिला प्रशासन

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) भले ही पीएम ने लॉकडाउन की घोषणा 14 अप्रैल तक की हो, लेकिन कोरोना वायरस के खौफ को देखते हुए तमाम वर-वधु पक्ष ने आगामी दो महीनों में होने वाले विवाह के कार्यक्रम टाल दिए हैं। विवाह समारोह स्थगित कर दिए गए हैं। इससे लोगों के अरमानों पर पानी फिर ही रहा है, व्यापारिक प्रतिष्ठान, वाहन स्वामी, बैंड बाजा, मैरिज हाल व कैटरिंग व्यवसाय से जुड़े हजारों लोगों को जबरदस्त झटका लगा है।
15 अप्रैल के बाद विवाह के शुभ मुहूर्त शुरू हो रहे हैं। तमाम लोगों ने अप्रैल, मई, जून व जुलाई में शादी की तारीख तय रखी है। शहर में विवाह भवन तो गांवों में लोगों ने टेंट, लाइट, हलुवाई, मिठाई, वेटर, वाहन, बैंडबाजा, आर्केस्ट्रा आदि की बुकिंग छह माह पहले ही कर ली। अब कोरोना का संकट गहराने और लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद लोगों को आयोजन फीका पड़ने का खतरा सताने लगा है। गर्मी के सीजन में प्रस्तावित शादियां नवंबर, दिसंबर व जनवरी के लिए टाली जा रही हैं।
यज्ञोपवीत व मुंडन संस्कार भी स्थगित
आगामी दिनों में 14 अप्रैल को खरमास खत्म होने के बाद लग्न मुहुर्त शुरू होगा। तय शादियों के लिए मैरिज हाल, टेंट, कैटरिंग, बैंडबाजा आदि की बुकिंग पहले ही हो चुकी थी। लॉकडाउन के चलते तिथियां टलने लगीं। अप्रैल व मई की सभी बुकिंग निरस्त कर दी गई हैं। शादी, यज्ञोपवीत व मुंडन संस्कार सभी स्थगित हो गए हैं। जून में शादी से ज्यादातर लोग परहेज कर रहे हैं। नवंबर में केवल 26, 29 व 30 तारीख को लग्न मुहुर्त है। इसके बाद दिसंबर में भी 15 तारीख तक पांच लग्न मुहुर्त रात में हैं। 15 के बाद खरमास शुरू हो जाएगा।
एक जुलाई से बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्य
आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ल ने बताया कि 30 जून तक विवाह के लग्न मुहुर्त हैं। एक जुलाई को आषाढ़ शुक्ल एकादशी (हरिशयनी एकादशी) है। इस दिन भगवान क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं और पुन: कार्तिक शुक्ल एकादशी (देवोत्थान एकादशी) के दिन जागते हैं, जो 25 नवंबर को है। इन चार महीनों में कोई मांगलिक कार्य नहीं होते हैं।
गेस्ट हॉउस के संचालक दीपक कटियार निवासी मसेनी ने बताया कि विवाह की बुकिंग लगातार निरस्त हो रही हैं। नुकसान बहुत हुआ है।
कैटरर्स शिव शंकर गुप्ता कादरी गेट ने बताया कि विवाह की लग्न हमारे लिए कमाई का सीजन होता है। इस दौरान जो आय होती है, उसी से साल भर खर्च चलता है। इस बार आय की कोई उम्मीद ही नहीं है।
बैंड बाजा कंपनी संचालक दिनेश ने बताया कि सभी शादियाँ फ़िलहाल निरस्त हो गयीं है| खर्च पहले जैसा ही है| अभी यह भी तय नही की कब से विवाह की तारीख बुक हो| पूरा धंधा चौपट हो गया है। कोई दूसरा धंधा भी नही है|