लखनऊ: तीन वर्ष की उपलब्धियों को सबके सामने रखने के साथ ही उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार और संगठन की ‘एक्सरे रिपोर्ट’ भी तैयार करना चाहती है। सरकार और संगठन के मुखिया जब कामकाज व गतिविधियों की समीक्षा करने बैठे तो तमाम अफसरों की शिकायतों का सिलसिला भी शुरू हो गया। मंत्रियों से दो टूक कह दिया गया है कि वह निष्क्रिय जनप्रतिनिधि और अधिकारियों की गोपनीय रिपोर्ट तैयार कर दें।
योगी सरकार के तीन वर्ष बुधवार को पूरे हो गए हैं। इसकी पूर्व संध्या पर मंगलवार को मुख्यमंत्री के कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर सभी मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने बैठक की। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा भी थे।
बैठक में मौजूद रहे सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से मंत्रियों से जिलों में कोरोना वायरस संबंधी प्रबंध, ओलावृष्टि और बारिश के प्रभाव, मुआवजा वितरण आदि के साथ ही उनके विभागों की तीन वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी ली। चूंकि अगले दो वर्ष सरकार और संगठन, दोनों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए तालमेल पर भी मंथन हुआ। मंत्रियों से पूछा गया कि क्षेत्र में जनता के कार्य कराने में कोई समस्या तो नहीं आ रही, जनप्रतिनिधियों और संगठन पदाधिकारियों से अपेक्षित सहयोग मिल रहा है या नहीं? इस पर कुछ मंत्रियों ने अधिकारियों की लापरवाही की शिकायत की। कहा कि वह कहने के बावजूद जनता के काम नहीं करते। इस पर मुख्यमंत्री ने ऐसे अधिकारियों की पूरी रिेपोर्ट देने के लिए कहा।
इस पर प्रदेश महामंत्री संगठन मंत्री सुनील बंसल ने कहा कि सिर्फ अधिकारी ही नहीं, बल्कि सहयोग न करने वाले या संगठन के कार्यों में निष्क्रिय रहने वाले जनप्रतिनिधियों की गोपनीय रिपोर्ट बनाकर भी दें। वहीं, कोरोना संक्रमण से आगाह करते हुए मंत्रियों को नसीहत दी गई कि कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात भीड़ में न करें। संगठन का कोई कार्य है तो छोटी-छोटी बैठकें करें।