फर्रुखाबाद: हाई-कोर्ट नें नगर पालिका अध्यक्ष और सभासदों के द्वारा रश्मि भारती के खिलाफ कार्यमुक्ति के आदेश पर रोंक लगाने के साथ ही पालिका अध्यक्ष सहित 8 के खिलाफ नोटिस जारी कर जबाब-तलब किया है|
विदित है कि सभासदों नें ईओ रश्मि भारती के खिलाफ मोर्चा खोलकर उनकी अर्थी निकाल कर प्रदर्शन किया था| जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गयी और वह इलाज कराने के लिए अवकाश पर चली गयी थी| बीते 11 फरवरी को जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह नें कायमगंज की ईओ सीमा तोमर को पालिका फर्रुखाबाद का अतिरिक्त चार्ज दिया था|
20 फरवरी को नगर पालिका अध्यक्ष वत्सला अग्रवाल और 40 सभासदों की मौजूदगी में प्रस्ताव पास किया गया की ईओ रश्मि भारती को कार्यमुक्त किया जाये| जिसके बाद एक स्वर में प्रस्ताव पास हो गया| जिसके बाद ईओ रश्मि भारती नें हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा| कोर्ट ने रश्मि को राहत देते हुए प्रस्ताव पर स्टे दे दिया है| इसके साथ कोर्ट ने नगर पालिका अध्यक्ष सहित 8 को नोटिस भी जारी किया गया है| जिसमे कोर्ट ने जबाब माँगा है|
प्रथम दृष्ट्या हाई कोर्ट ने माना कि अधिशासी अधिकारी केंद्रीय कर्मचारी है जिसे आदेश देने का नगर पालिका बोर्ड को कोई अधिकार नही है। इसी के साथ अदालत ने रश्मि भारती के केवल 1 सप्ताह अनुपस्थित रहने को भी इतना गंभीर नही माना कि उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्यवाही की जाए। उच्चत्तम न्यायालय ने नगरपालिका बोर्ड के रश्मि भारती के खिलाफ पारित आदेश के पालन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। सारे नियम और कानून को जानने के बाद भी पालिका अध्यक्ष वत्सला अग्रवाल और उनके समर्थित सभासदों के बोर्ड में अधिशासी अधिकारी के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने को हास्यास्पद ही कहा जायेगा। निजी आर्थिक हितों को साधने के लिए बोर्ड में पहले भी इस प्रकार के हथकंडे अपनाये जाते रहे है किंतु शेर को सवाशेर कभी कभी चरितार्थ होते देखा गया है। हालांकि करोड़ो के खेल में शेरो के साथ लोमड़ियों के मुंह में भी लार टपकती नजर आ रही है।