फर्रुखाबाद:(मोहम्मदाबाद) शातिर दिमाग सुभाष नें यह घटना करने की योजना आज की नही किया था| उसने योजना का अध्याय लिखने में महीनों को समय लगाया था| उसने सबसे पहले अपनी झोपडी को मकान का रूप देंने में हर ईंट के मौत की नया पन्ना जोड़ा था|
करथिया निवासी शातिर सुभाष ने योजना को मूर्ति रूप देनें के लिए पहले अपना मकान खुद ही निर्माण किया| उसने किसी राज मिस्त्री से निर्माण नही कराया था| पहले दरवाजे के मुख्य गेट पर जब प्रवेश करेंगे एक छोटा कमरा| मुख्य दरवाजे के निकट ही खुली हुई लैट्रिन सीट इसी कमरे में किनारे से एक छोटा गेट फर्श पर नीचे बने तयखाने में जाने के लिए, तयखाने में जाने के लिए एक सीढ़ी लगी हुई थी| तलघर में कोई भी अलमारी नही थी, केबल तार ही तार चारो तरफ फैले दिख रहे थे|
कमरे में टॉफी और बिस्किट के रेपर पड़े दिख रहे थे| जिसके बाद कुछ दरी आदि भी जमीन पर पड़ी दिखी| तलघर में भीतर से बाहर जाने के लिए लिए केबल सीढ़ी ही एक माध्यम थी| जिसके द्वारा उसने भीतर या बाहर किया जा सके|
मुख्य द्वार से घुसने के बाद बने कमरे में एक गेट दूसरी तरफ भी था| पीछे की तरफ लगे गेट के निकट एक कमरा और बना है और उस कमरे के बाहर टीन डाली गयी थी| जिस समय सुभाष वाथम नें घटना को अंजाम दिया तो उस समय पुलिस उसके घर के भीतर की लोकेशन नही जान पा रही थी|
एसपी डॉ० अनिल कुमार मिश्रा नें जेएनआई को बताया कि पूरे गाँव में एक ही व्यक्ति था जो उसके मकान में कभी गया था उसके द्वारा कुछ जानकारी दी गयी| जिसके बाद एएसपी त्रिभुवन सिंह नें उसका नक्शा तैयार किया और आपरेशन को अंजाम दिया गया|