फर्रुखाबाद:(दीपक-शुक्ला) त्रेता युग में अहिल्ला को पत्थर से शरीर में परिवर्तित होंनें के लिए भगवान श्रीराम का हजारों वर्षो तक इंतजार करना पड़ा| जिसके बाद श्रीराम नें उसका कल्याण किया| इसी तरह का एक उदाहरण जनपद में भी देखने को मिला| जब एक शहीद की प्रतिमा को 17 सालों तक अपने अनावरण का इंतजार करना पड़ा| आखिर अब चंद दिन बाद प्रतिमा का अनावरण सपा सुप्रीमो के द्वारा होना सुनिश्चित हुआ है|
नवाबगंज कस्बे का एक गाँव नगला जब्ब जो पुठरी के निकट पड़ता है| उसी गाँव में देश पर शहीद होंने वाले जाबाज राकेश चन्द्र का जन्म रामप्रकाश यादव के पुत्र के रूप में हुआ| बचपन से ही राकेश अपने पिता से देश सेवा और बहादुरी के किस्से सुन-सुन कर जबानी में कदम रखा और देश की सेवा करने की ठान कर सेना में आगरा से भर्ती हो गये|
उनकी नौकरी के दौरान ही उन्हें वह सुनहरा अवसर मिला जिसका इंतजार हर फौजी करता है। 1999 में कारगिल युद्ध नापाक पाकिस्तान से शुरू हो गया|जिसमे दुश्मनों के सीने में गोली दागने का अवसर जिले के जांबाज सैनिक राकेश को भी मिला| युद्ध के दौरान ही 28 मई 1999 को राकेश चन्द्र यादव शहीद हो गये| जिसकी खबर उनके घर पर पत्नी मिथिलेश यादव को मिली तो उनका भी सिर फक्र से ऊंचा हो गया की उनके पति का जीवन देश के काम आया| शहीद राकेश यादव के दो बेटे राजन यादव व चन्दन यादव है|
बेटे के देश के ऊपर शहीद हो जाने के बाद पिता रामप्रकाश नें वर्ष 2003 में गाँव में ही शहीद राकेश चन्द्र यादव की प्रतिमा लगवायी लेकिन उनका सपना था कि तत्कालीन सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव उनके शहीद बेटे की प्रतिमा का अनावरण करें| लेकिन उनका आना सम्भव नही हो सका|
शहीद के बड़े बेटे राजन यादव नें बताया कि वर्ष 2004 के बाबा का भी निधन हो गया| लेकिन सपा सुप्रीमो का कार्यक्रम नही मिल सका| तब से सपा सुप्रीमो के इंतजार के प्रतिमा लगभग 17 सालों से इंतजार कर रही है| अब सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने प्रतिमा का अनावरण करने की हामी भरी है| वह आगामी 23 जनवरी को शहीद की प्रतिमा का अनावरण करेंगे|