लखनऊ: उन्नाव कांड के बाद महिला सुरक्षा को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच डीजीपी मुख्यालय ने देर रात किसी अकेली महिला को सुरक्षित उसके घर तक पहुंचाने की कार्ययोजना बनाई है। इसके लिए यूपी 112 ने महिला पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) का गठन किया गया है। रात 10 बजे से सुबह छह बजे के मध्य सड़क पर किसी मुसीबत में फंसी अकेली महिला की कॉल आने पर ही महिला पीआरवी उसे स्कोर्ट कर सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाएगी। किसी अकेली महिला की सुरक्षा के विभिन्न बिंदुओं पर समीक्षा के बाद यह योजना बनाई गई है, जिसमें आवश्यक रूप से महिला पुलिसकर्मियों की भागीदारी व मानीटरिंग सुनिश्चित की गई है।
एडीजी यूपी 112 असीम अरुण ने बताया कि केवल 112 पर आई कॉल पर प्राप्त निर्देश (ईवेंट) पर ही महिला को एस्कोर्ट करने की व्यवस्था होगी। डीजीपी मुख्यालय ने महिला सुरक्षा के दृष्टिगत यह बड़ा कदम उठाया है। डीजीपी ओपी सिंह ने सभी एसएसपी और एसपी को महिला पीआरवी का संचालन कराने व जरूरत पड़ने पर महिला पुलिसकर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण दिलाने का निर्देश दिया है।
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि रात 10 बजे से सुबह छह बजे के मध्य यदि कोई महिला सड़क पर अकेली हो और 112 पर कॉल कर सुरक्षा मांगे तो पीआरवी उसे यथासंभव एस्कार्ट कर उसकी मंजिल तक सुरक्षित पहुंचाएगी। अपरिहार्य स्थित में महिला पीआरवी को बुला लिया जाए। डीजीपी ने कहा कि सभी जिलों में महिला पुलिसकर्मी पर्याप्त संख्या में तैनात हैं। 10 फीसद पीआरवी को महिला पीआरवी के रूप में गठित किया जाएगा, जिनमें चालक व एक पुरुष पुलिसकर्मी के साथ दो महिला पुलिसकर्मी तैनात रहेंगी। महिला पीआरवी बैकअप के तौर पर अन्य पीआरवी की मदद भी करेंगी। महिला पीआरवी सामान्य गश्त के साथ ही किसी आपात स्थिति में भी सक्रिय रहेंगी।