उन्नाव की बिटिया की मौत पर यूपी में सियासी बवाल

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लखनऊ: दुष्कर्म का केस वापस लेने से इन्कार पर केरोसिन डालकर जलाई गई उन्नाव की बिटिया की शुक्रवार रात मौत के बाद आम लोगों में गम और गुस्सा दोनों है। इसको लेकर शनिवार को सियासी हंगामा भी हो गया। विपक्ष के नेताओं ने यूपी की योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने घटना पर दुख प्रकट करते हुए सरकार से जल्द इंसाफ की मांग की है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव विधानसभा के सामने धरने पर बैठ गए। सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आरोपी भाजपा से जुड़े हैं, इसलिए सरकार ने कार्रवाई नहीं की। अखिलेश के जाते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा मुख्यालय पर हल्ला बोल दिया। कुछ कार्यकताओं ने विधानसभा के सामने प्रदर्शन कर दिया। इस पर पुलिस ने हत्का बल प्रयोग कर सभी को खदेड़ा। कुछ देर बाद राजभवन की ओर जा रहे कांग्रेसियों पर पुलिस ने फिर लाठीचार्ज कर दिया। इससे पहले जीपीओ के पास बैरिकेडिंग लगाकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद, विधान परिषद सदस्य दीपक सिंह और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव त्यागी सहित तमाम कांग्रेसियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसी बीच दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए प्रियंका वाड्रा उन्नाव पहुंचीं। वहां उन्होंने परिवारीजन से मुलाकात कर सांत्वना दी। वहीं महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे आपराधिक मामलों को लेकर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती राजभवन में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने पहुंचीं।
यूपी में तेजी से बढ़ रही महिला हिंसा, राज्यपाल करें कार्रवाई : मायावती
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शनिवार को राज भवन पहुंचकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को ज्ञापन दिया। उन्होंने राज्यपाल से उन्नाव दुष्कर्म प्रकरण व यूपी में बढ़ रहे महिला अपराधों पर हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कहा राज्य सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है। ऐसे में एक महिला होने के नाते राज्यपाल इस प्रकरण में कड़ी कार्रवाई करें। क्योंकि आए दिन महिलाओं के साथ बलात्कार वह हत्या जैसी दिल दहलाने वाली घटनाएं हो रही हैं। जब पीड़िता और उनका पीड़ित परिवार न्याय के लिए गुहार लगाता है तो उनका भी मुंह बंद कर दिया जाता है। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने न्याय की खूब गुहार लगाई लेकिन उसे समय पर न्याय नहीं मिल पाया और उसे जिंदा जला दिया गया।मायावती ने कहा कि न्याय की तलाश में प्रयासरत पीड़ित महिलाओं की हत्या और उन्हें जिंदा जला देने जैसी घटनाओं ने लोगों को झंकझोर दिया है। मायावती ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस झूठे आंकड़े दिखाकर वाहवाही ले रही है और अपराधियों की आवा भगत में जुटी है इससे जनता में बहुत आक्रोश है। वही पीड़ित जनता तेलंगाना में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोपियों को पुलिस द्वारा मारे जाने पर ना चाहते हुए भी सराहना करने को मजबूर है। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि राज्य की संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राज्य सरकार को सचेत करें और खासकर अपराध नियंत्रण व कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हर संभव प्रयास करें। मायावती ने राजभवन गेट के बाहर गाड़ी रोककर मीडिया को बाइट दी।
उन्नाव दुष्कर्म केस पीड़िता की मौत के बाद अब सियासत भी बढ़ गई है। लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा दफ्तर के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। इसके बाद विधान भवन के घेराव करने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से भिड़ंत हो गई। इस पर पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया
दुष्कर्म पीड़िता के घर पहुंची प्रियंका, बंद कमरे में परिवार से बात
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शनिवार को दोपहर 12.05 पर दुष्कर्म पीड़िता के उन्नाव स्थित गांव पहुंचीं। बिना किसी से कोई बातचीत किए वह पीड़ित परिवार को साथ लेकर कमरे में चली गईं, जहां पर उन्होंने परिवारीजन से बातचीत की। इसके पहले प्रियंका गांधी ने ट्वीट के जरिये संवेदना और सरकार के प्रति रोष व्यक्त किया। प्रियंका से मुलाकात के बाद पीड़िता की भाभी ने कहा कहा कि उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह हमारे साथ न्याय के लिए लड़ेंगी। हमारी एकमात्र मांग यह है कि दोषियों को मृत्यु दंड दिया जाए, तभी पीड़िता की आत्मा को शांति मिलेगी।
प्रदेश सरकार को देना चाहिए इस्तीफा : प्रियंका
दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से 20 मिनट तक बात करके निकलीं प्रियंका वाड्रा ने कहा कि उन्नाव में जिस तरह माखी और अब दुष्कर्म पीड़िता की मौत हुई है, उससे साफ है कि उन्नाव में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। सरकार को नैतिक रूप से इस्तीफा देना चाहिए। प्रियंका ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार महिला उत्पीड़न की घटना बढ़ रही है।
दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिवार को बराबर धमकी मिल रही थी, लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री इस सवाल का जवाब दें कि आखिर प्रदेश में महिलाओं का क्या स्थान है। माखी और कल जिस तरह से एक और बेटी की मौत हुई है उसने व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके लिए सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।