फर्रुखाबाद: ललन पिया जयंती समारोह में संगीत संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आए मुख्य अतिथि आईजी पीएसी मुख्यालय लखनऊ ने कहा कि पंडित ललन पिया ठुमरी के सम्राट थे। उनका संगीत दिल को छूता है।
1850 में भाद्रपद ऋषि पंचमी को फर्रुखाबाद के मित्तूकूंचा में जन्मे नंदलाल सारस्वत संगीत की दुनिया में ‘ललन पिया’ के नाम से विख्यात हुए। शनिवार को उनकी जयंती पर बद्री विशाल डिग्री कालेज में ललन पिया हाजी विलायत अली संगीत अकादमी की ओर से ललन पिया संगीत सम्मेलन का आयोजन किया गया| कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि आईजी पीएसी नीलाब्जा चौधरी व पूर्व अपर आयुक्त जीएसटी गाजियाबाद डॉ० अजय गोयल नें ललन पिया व सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया| छात्रा सुभांगी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
गोरखपुर से कार्यक्रम में पंहुची मिली चक्रवर्ती ने बनारस घराने की परंपरा में दादरा प्रस्तुत किया| कानपुर विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफ़ेसर शुभम वर्मा ने तीन ताल में विभिन्न घरानों की विशेषताओं को तबले पर स्वतंत्र वादन शैली के माध्यम से पेश किया तो हाल तालियों से गूंज उठा| आकाशवाणी गोरखपुर के पंडित शिवदास चक्रवर्ती राग किरवानी में तीन ताल मे द्रुत प्रस्तुत की। तबले पर संगत शुभम वर्मा ने की| पटियाला से पहुंचे पंडित अखिलेश शर्मा ने राग पूरिया कल्याण में राग तीनताल प्रस्तुत किया|
हारमोनियम पर संगत आकर्ष शुक्ला की| आचार्य ओमप्रकाश कंचन ने ललन पिया का परिचय दिया| संयोजक सुरेंद्र पांडे ने संचालक की भूमिका अदा करने के साथ ही पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अनिल कुमार मिश्रा को संस्कार भारती की पुस्तक भेंट की| सचिव विद्या प्रकाश दीक्षित, संजय गर्ग, अंजुम दुबे, सीओ सिटी मन्नी लाल गौड़, नीरज शुक्ला, इकलाख खां आदि मौजूद रहे|