फर्रुखाबाद: सेन्ट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी नें फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली| घटना की सूचना मिलने पर एसपी नें मौके पर जाकर जाँच पड़ताल की|
जनपद उन्नाव के असोहा अनवरपुर निवासी राधेश्याम यादव पुत्र जागेश्वर बीते 14 जून 2005 को सेन्ट्रल जेल भेजा गया था| हत्या किये जाने के आरोप तय होनें के बाद धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट उन्नाव के द्वारा वर्ष 11 जनवरी 2005 को हुई थी|
सजा तय होनें के लगभग पांच महीने बाद ही 62 राधेश्याम सेन्ट्रल जेल भेज दिया गया था| जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार उसे मानसिक उपचार हेतु 14 फरवरी 2018 को मानसिक चिकित्सालय वाराणसी भेजा गया था| इसके बाद 18 मई 2019 को उसे पुन: उपचार हेतु वाराणसी भेजा गया था|
रविवार को सुबह लगभग आठ बजे उसका शव जेल अस्पताल के निकट खड़े पीपल के पेंड में उसने अपनी लुंगी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली| घटना की जानकारी होनें पर जेल प्रशासन में हडकंप मच गया| पुलिस अधीक्षक डॉ० अनिल कुमार मिश्रा, जेल अधीक्षक एसएमएच रिजवी आदि जेल अधिकारी मौके पर आ गये| उन्होंने जाँच पड़ताल की|
मजिस्ट्रेट के इंतजार में चार घंटे लटका रहा शव
सुबह लगभग आठ बजे कैदी राधेश्याम का शव फांसी पर झूलता मिला| जिसके बाद मजिस्ट्रेट के आने का इंतजार किया गया| कोतवाली प्रभारी अजय नारायण सिंह नें अधिकारियों को सूचना दी| जिसके बाद मजिस्ट्रेट के पंहुचने पर शव को लगभग चार घंटे बाद फांसी
से उतारा जा सका|
जनवरी में होनें वाली थी रिहाई
कैदी राधेश्याम की आगामी जनवरी 2020 में जेल से रिहाई होंने वाली थी| बताया जा रहा
है कि उसने तनाव में आकर फांसी लगा ली| उसके ऊपर अपने ही माँ-बाप की हत्या का आरोप तय हुआ था|
जेल अधीक्षक एसएमएच रिजवी नें जेएनआई को बताया कि कैदी का शव सुबह आठ बजे पीपल के पेंड पर लटका मिला| जिसके बाद उसकी क़ानूनी प्रक्रिया पूर्ण कर शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है|