फर्रुखाबाद: पाकिस्तान भौगोलिक इकाई नही वह तो भौगोलिक इकाई भारत का अंग है| इसका निर्माण प्रकृति ने नही विकृति ने किया है| यह विकृति आक्रमण की कोख से उपजी है| इसलिए आक्रमण पाकिस्तान का प्राण है| आक्रमण गया तो पाकिस्तान गया|
फतेहगढ़ के भोलेपुर स्थित अपने आवास पर डॉ० ब्रह्मदत्त अवस्थी नें पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तान राज्य नही है| यह पाकिस्तान के वासियों द्वारा नही विदेश के हाथों विदेशी धारा से बनाया गया है| आक्रमण की चलती चली आई सुनियोजित मजहबी योजना है| यह न तो थकी है और न ही चुकी है| मजहब ही इसका मूल है| धरती और धरती की संतान से इसका कोई वास्ता नही है|
पाकिस्तान राष्ट्र भी नही| पाकिस्तान की धरती अलग है और धरती पर जिन्दगी अलग
है| यंहा का इतिहास यंहा की धरती का नही, औरों का है| धरती पुत्रों में बोलती नही| सभी कुछ विदेश का है| अतीत से कटा है, वर्तमान में बटा है| भविष्य की कल्पना नही| सिंघ, बलोचिस्तान, पश्तूनिस्तान नें जिस दिन अंगडाई ली| पाकिस्तान समाप्त होगा|
पाकिस्तान विभाजन की उपज नही| बंटबारा होता तो भारत में ही पाकिस्तान अलग राज्य होता| बंटबारा कभी आस्था से नही होता| सम्पति तो बांटती है| माँ कभी बंटा नही करती| बंटबारा होता तो शासन होते किन्तु समाज एक होता| राज्य दो होते किन्तु राष्ट्र एक होता| उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमले की औलाद है| हमला ही इसका प्राण है| एक क्षण भी हमले की सोचे वगैर वह रह नही सकता| भारत को पाकिस्तान बनाना उसका लक्ष्य है| यह आक्रमण का अंतिम पड़ाव नही, यह तो आगे बढाने का स्थल है|
यह सोच और यह युद्ध प्रकृति के विपरीत है| प्रकृति अखंडता और एकात्मता देगी|
अप्राकृतिक जीवन पाकिस्तान को चरमरा देगा| सब कुछ बिखर जाएगा| सिंध अलग होता, बलोचिस्तान अलग होगा, पश्तूनिस्तान अलग होगा| पाकिस्तान का समाप्त होना और
भारत का अखंड होना नियति है| इसे रोंका नही जा सकता| डॉ० प्रभात अवस्थी आदि रहे|