जन्माष्टमी: शासन के आदेश पर सेन्ट्रल जेल में टूटी दशकों की परम्परा

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फर्रुखाबाद: सेन्ट्रल जेल में जन्माष्टमी के अवसर पर सजने वाली बंदियों की सजीव झांकी प्रदेश भर में अपने आप में अलग पहचान रखती है| जन्माष्टमी को रात में भी जेल के फाटक खोल दिये जाते थे| जिससे जनपद के अलावा गैर जनपद से आने वाले लोग सजीव झांकी का आनन्द ले श्रीकृष्ण के दर्शन करते थे| लेकिन इस बार योगी आदित्यनाथ की सरकार के निर्देश के चलते शासन का आदेश श्रद्धा पर भारी पढ़ गया| सुरक्षा का हवाला देते हुए इस बार जेल में झांकी की सजावट ना के बराबर हुई और वह भी आम जनता के लिए नही|
शासन नें जेलों की सुरक्षा के मद्देनजर सख्त फरमान जारी किये |लेकिन इसका अंदाजा प्रतिवर्ष आने वाली आम जनता को नही था| वह तो दशकों से सज रही झांकी को देखने की उत्सुकता लिए जेल गेट पर पंहुची तो उसे निराश होना पड़ा| लेकिन जेल गेट के बाहर वरिष्ठ जेल अधीक्षक रिजवी एसएचएम रिजवी ने जागरण का कार्यक्रम आयोजित करा दिया| जिससे झांकी देखने आने वाली भीड़ जागरण देखकर मायूस हो लौट गयी| जेल के भीतर कुछ झांकी सजी जिसे बंदियों को दिखाकर ही इतिश्री कर ली गयी| फ़िलहाल इस बार जेल में झांकी दिखाने की दशकों की परम्परा पर फ़िलहाल बिराम लग गया| वही जागरण में शिव तांडव लोगों चर्चा का विषय बना रहा|
वरिष्ठ जेल अधीक्षक नें जेएनआई को बताया कि शासन के आदेश पर सुरक्षा के मद्देनजर झांकी को आम जनता के लिए नही खोला गया| जेल में भी सीमित मात्रा में ही झांकी सजी थी| आने वाले लोगों के लिए जेल की तरफ से जागरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया था| जिसका लोगों ने लुफ्त लिया|