लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मरीज और डॉक्टर के बीच भावनात्मक संवाद होना चाहिए। व्यावसायिकता के दौर में यह संवाद कहीं खो गया है। व्यावसायिक दृष्टि को अहमियत दिये जाने से चिकित्सकों के प्रति आमजन के मन में सम्मान कम हुआ है।
मुख्यमंत्री रविवार को पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर ‘स्माइल मशाल ज्योति-आशीर्वाद कार्यक्रम’ का उद्घाटन करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। स्माइल ट्रेन की ओर से आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा ‘ऐसे प्रोजेक्ट समाज के हर वर्ग के चेहरे पर खुशहाली लाने और एक डॉक्टर के संवेदनशील और मानवीय चेहरे को स्थापित करते हैं। यह पहल चिकित्सक और आमजन के बीच बाधित हो चुके संवाद को बहाल करने की एक कोशिश है।’
स्माइल ट्रेन संस्था उन बच्चों के जीवन में मुस्कान बिखेरने में लगी है जिनके होंठ और तालू जन्मजात कटे होते हैं। विशेष तौर पर आर्थिक रूप से कमजोर गरीब बच्चों की निश्शुल्क सर्जरी में यह अहम भूमिका निभा रही है। देश भर में पांच लाख बच्चों का आपरेशन कर उनके जीवन में परिवर्तन किया है। मुख्यमंत्री ने सर्जरी के बाद मुख्य धारा में आने वाले शौर्य मिश्रा, आयत समीन मलिक, मुनमुन, अंशिका सिंह, मास्टर सौरिब समेत कई बच्चों को स्मृति चिह्न देकर हौसला बढ़ाया।
अभियान से जुड़े डॉ. वैभव खन्ना, डॉ. एके सिंह, ममता और रेनू मेहता ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। इस मौके पर वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, महापौर संयुक्ता भाटिया, केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एमएल भट्ट मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने एके सिंह की पुस्तक का विमोचन भी किया। कार्यक्रम उद्घाटन से पहले राजधानी के 1090 चौराहे पर स्माइल मशाल ज्योति आशीर्वाद रैली को अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने रवाना किया। अवस्थी ने कहा कि बच्चों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। उनमें विश्वास जगाने के लिए यह अच्छा प्रयास है। इसके साथ ही नुक्कड़ नाटक के जरिये एक जागरूकता अभियान भी चलाया गया।
सरकारी योजनाओं की असफलता की गिनाई वजह
मुख्यमंत्री ने सरकारी योजनाओं की असफलता की वजह भी गिनाई। कहा, एक तो किसी योजना की पूरी तैयारी नहीं होती और दूसरे जागरूकता का भी अभाव रहता है। सबसे बड़ी वजह यह भी है कि जिम्मेदार लोग अपने दायित्वों का निर्वाह नहीं करते हैं।