फर्रुखाबाद:(कमालगंज) बीते बुधवार को दोपहर बोरवेल में गिरी मासूम सीमा को निकालने में जिला प्रशासन ने अपने धैर्य की सीमा को आखिर खो दिया| सीमा का पता लगाने में नाकाम रहे जिला प्रशासन ने उसे बाहर निकालने में हाथ खड़े कर दिये| जिसके बाद सेना व एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें भी वापस हो गयीं| जिसके बाद खोदा गया गढढा अचानक भर दिया गया| जिससे ग्रामीणों में जमकर आक्रोश है| वही सीमा का भाई जेसीबी के आगे बैठ गया|
थाना क्षेत्र के ग्राम रशीदपुर में बीते चार दिन से जिन्दगी और मौत के बीच बोरवेल में फंसी सीमा को बहार निकालने का प्रयास किया जा रहा था| सेना,एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू आपरेशन असीम में लगी थी| चार दिन तक रात दिन तक सीमा को वापस सकुशल बाहर लाने का प्रयास किया गया| जिस जगह सीमा बोरवेल में गिरी उस जगह के निकट ही तकरीबन 35 फीट तक खुदाई की गयी| लेकिन मिट्टी में बालू की मात्रा अधिक होने पर दो सैनिक भी दब गये थे| जिनको चोट भी लगी थी| आखिर चार दिन तक चले अभियान के बाद भी सीमा को बचाने में सफलता नही मिली| जिसके बाद जिला प्रशासन ने देर रात काम बंद करा दिया| सेना व अन्य बचाव दल वापस कर दिये गये|पोलेंड मशीन से गढ्ढे को दोबारा भरने का काम शुरू हुआ|
जेसीबी के आगे बैठा सीमा का भाई
जिला प्रशासन के निर्देश पर खोदा गया गढढा पुन: भरा जाने लगा| जिससे मृतका का भाई आदेश आक्रोशित हो गया| उसने मशीन के बैठकर अपना विरोध दर्ज कराया| जंहा उसने कहा कि उसे उसकी बहन हर कीमत पर चाहिए| लेकिन पुलिस बल के आगे उसकी एक भी नही चली और पुलिस ने उसे जबरन हटा दिया|
कई मकानों पर संकट के बादल
सीमा को निकालने के लिए किये गये गढढे को लेकर आस-पास के कई मकानों पर संकट के बादल है| कुछ मकानों में दरार पड़ गयी है| ग्रामीणों का कहना है कि बरसात में उनके मकान गिर सकते है| जिला प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए|
एसडीएम सदर अमित आसेरी ने जेएनआई को बताया की रेस्क्यू टीम ने सलाह से काम बंद किया गया| उनका कहना था कि यदि जादा खुदाई होगी तो गाँव सुरक्षित नही है| आस-पास के कई मकान तोड़ने पड़ेंगे| जिसके चलते परिवार की सहमति से आपरेशन खत्म किया गया| सीमा के भाई इस मामले में मशीन के आगे नही बैठा था और कारण होगा|