गाजीपुर:हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप वत्स की हत्या के मामले में पुलिस ने करीमुद्दीनपुर थानाध्यक्ष सुधाकर राय के तहरीर पर 32 नामजद व 70 अज्ञात खिलाफ मुकदमा दर्ज कर 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। सभी आरोपितों से पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया। एडीजी जोन पीवी रामा शास्त्री ने पुलिस लाइन में पत्रकार वार्ता कर इसकी जानकारी। उन्होंने कहा कि जल्द ही अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। साथ ही प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई के लिए डीएम को पत्र लिखा जाएगा।
करीमुद्दीनपुर थाने के हेड कांस्टेबल की हत्या से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। देर रात एडीजी, आइजी मौके पर पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद मातहतों को निर्देश दिए। उच्चाधिकारियों का निर्देश पाते ही पुलिस रात भर छापेमारी कर 11 लोगों को दबोच लिया। गौरतलब हो कि शनिवार निषाद पार्टी के कार्यकर्ता नोनहरा थाना क्षेत्र के कठवामोड़ के पास रास्ता जाम किए थे। जाम हटाने गए हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप को भीड़ ने मार डाला था।
इसलिए भड़का था निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं का गुस्सा
निषाद पार्टी के कार्यकर्ता आरक्षण की मांग को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे थे। इस पर पुलिस विभिन्न जगहों से 9 लोगों को हिरासत में ले ली। इसकी जानकारी जब कठवामोड़ के पास धरना दे रहे कार्यकर्ताओं को हुई तो वे उन्हें छोड़ने की मांग को लेकर गाजीपुर-मुहम्मदाबाद मार्ग पर जाम लगा दिए। जाम छुड़ाने करीमुद्दीनपुर थानाध्यक्ष सुधाकर राय संग गए हेड कांस्टेबल सुरेश प्रसाद भीड़ के गुस्से का शिकार हो गए थे।
सुहवल पुलिस ने दर्ज किया 200 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा
आरक्षण की मांग को लेकर सुहवल थाना क्षेत्र के कालूपुर चट्टी के पास प्रदर्शन कर रहे निषाद पार्टी के 200 अज्ञात कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया है। प्रदर्शन के दौरान बनाई गई वीडियो के आधार पर उनकी पहचान की जा रही है। थानाध्यक्ष राजू कुमार ने बताया कि जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं कोतवाली पुलिस ने भटौली व अंधऊ के पास प्रदर्शन करने वाले सैकड़ों कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तलाश कर रही है। करंडा पुलिस धरना-प्रदर्शन के मामले में तीन लोग को गिरफ्तार कर जेल भेज दी।
कठोर कार्रवाई का दिया गया है निर्देश
एडीजी जोन वाराणसी पीवी रामा शास्त्री ने बताया कि ड्यूटी के दौरान सिपाही की हत्या को गंभीरता से लिया गया है। पूरे प्रकरण की जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। हमलावरों को चिह्नित कर जल्द से गिरफ्तारी करने के साथ ही कठोर कार्रवाई को निर्देश दिया गया है। निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाएगा। साक्ष्य व प्रणाम के आधार पर ही दाेषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।