मुंबई:अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट और कच्चा तेल महंगा होने से भले ही पेट्रोल व डीजल की मूल्य वृद्धि से आम जनता परेशान हो लेकिन राज्यों को इसका भरपूर फायदा मिल रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार राज्यों को उनके बजट अनुमान के मुकाबले 22,700 रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की संभावना है।
एसबीआई रिसर्च ने अपने एक नोट में कहा है कि कच्चे तेल का मूल्य एक डॉलर प्रति बैरल बढ़ता है तो 19 प्रमुख राज्यों को आसतन 1513 करोड़ रुपये का फायदा होता है। चालू वित्त वर्ष में राज्यों को 22,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने का अनुमान है।
इसमें सबसे ज्यादा फायदा महाराष्ट्र और गुजरात को होगा। महाराष्ट्र को 3389 करोड़ रुपये और गुजरात को 2842 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। मार्च के बाद से दिल्ली में पेट्रोल व डीजल की कीमत क्रमशः 5.60 रुपये और 6.31 रुपये प्रति लीटर बढ़ चुकी है।
रिपोर्ट का कहना है कि इस विंडफाल फायदे से राज्यों के राजकोषीय घाटे में 0.15-0.20 फीसद तक की कमी आने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार राज्य औसतन पेट्रोल में 3.20 रुपये और डीजल में 2.30 रुपये की कटौती वैट घटाकर कर सकते हैं। इस कटौती से भी उनके राजस्व के बजट अनुमान पर कोई असर नहीं पड़ेगा।