गंगा में पॉलीथिन के लिए आखिर कौन है जवाबदेय!

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फर्रुखाबाद:पॉलीथिन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए जवाबदेह कौन है। फिलहाल यह तय नहीं लगता। जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एक-दूसरे पर जिम्मेदारी ठहरा कर अपना पल्ला झाड़ रहा है। नतीजा पॉलीथिन का धड़ल्ले से इस्तेमाल हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी हो रहा है। इस सम्बन्ध में बीजेपी की नमामि गंगे समिति ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया| इसके साथ ही गंगा से जुडी कई और मांगों को रखा गया|
हाई कोर्ट के आदेश की परवाह किसी को नहीं है। आदेश है कि गंगा से 200 मीटर दूर तक पॉलीथिन का इस्तेमाल हरगिज नहीं होना चाहिए लेकिन नगर के नालों के पानी में पॉलीथिन गंगा में गिर रही है। साथ ही गंगा तट की दुकानों पर भी बड़े मजे से पॉलीथिन का प्रयोग हो रहा है| प्रशासन की ओर से इसे रोकने की कोई पहल नहीं हुई है। वैसे पॉलीथिन के थैलों की आपूर्ति रुकने के बाद ही इसका स्थायी समाधान संभव है।
जिलाधिकारी को नमामि गंगे समिति के जिला संयोजक रवि मिश्रा ने अपने पदाधिकारियों के साथ डीएम से भेट की| उन्होंने ज्ञापन सौपा| जिसमे गंगा से जुडी 12 सूत्रीय मांगे रखी गयी| जिसमें गंगा के तटों पर हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी पॉलीथिन का इस्तेमाल होने पर भी रोंक लगाने की मांग की गयी है| डीएम मोनिका रानी ने मांगो पर जल्द कार्यवाही का भरोसा दिया| बृज किशोर मिश्रा, रवि शंकर कटियार,अविनाश दुबे,मयंक कटियार,लोकेश दीक्षित आदि रहे|