खूनी जबड़ों के साये में जीने को मजबूर रतनपुर के ग्रामीण

FARRUKHABAD NEWS POLICE जिला प्रशासन

फर्रुखाबाद:(जहानगंज) आदमखोर कुत्तों के साये में ग्रामीण व नैनिहाल अभी भी जी रहे है| डर भय का आलम यह है की गाँव के बच्चों ने विधालय जाना तकज छोड़ दिया दिया है| जिससे सरकारी विधालय की छात्र उपस्थिति लगातार कम होती जा रही है| परिजन खुद अपने बच्चों की लाठी-डंडो से लैस होकर सुरक्षा में लगे है| लेकिन उन खूनी कुत्तों को पकड़ने के लिये प्रशासन की तरफ से कोई शख्त कदम नही उठाये जा रह है| जिससे ग्रामीणों में भय व आतंक का माहौल है|
विकास खंड कमालगंज का ग्राम रतनपुर निवासी श्रीनिवास की 12 वर्षीय पुत्री प्रिया को बीते 24 अप्रैल के दिन घर से खेतों की तरफ जा रही थी| तभी उसे आबारा कुत्तों ने काटकर लहुलुहान कर दिया था| एंटी रेबीज ना मिलने से उसकी दर्दनाक मौत हो गयी थी| वही तकरीबन एक दर्जन ग्रामीणों को भी खूनी कुत्तों ने काट दिया था| खबर प्रकाशित होने के बाद हरकत में आये प्रशासन ने सभी मरीजों के एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवा दिया था|
लेकिन इसके बाद भी खतरा अभी टला नही| जेएनआई टीम ने जब गाँव का दौरा किया तो पता चला की गाँव में दहशत का माहौल है| हालत यह है की बच्चो ने कुत्तों के भय से विधालय जाना कम कर दिया है| प्राथमिक विधालय के हेड मास्टर जगदीश नरायण अवस्थी ने बताया की जब से प्रिया के साथ गाँव के कुत्तों ने हमला कर उसे मौत के घाट उतारा है तब से नौनिहालों में दहशत है| विधालय में लगातार छात्र संख्या घटती जा रही है| मंगलवार को 159 पंजीकृत छात्रों में से केबल 40 ही विधालय आये थे|
छुट्टी के दौरान हाथ में लाठी लेकर अपने बच्चो को विधालय से लेने आये सतीश कुमार, कल्लू व योगेन्द्र सिंह ने बताया की आदमखोर कुत्तों का भय गाँव में लगातार बना है| जिससे वह लोग खुद ही लाठी लेकर अपने नौनिहालों को लेकर आते है| उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है की जल्द आबरा कुत्तो को पकड़ कर प्रशासन ग्रामीणों को दहशत से मुक्त करे|
एसडीएम सदर अजीत सिंह ने जेएनआई को बताया की वह जल्द ही आवारा कुत्तो को पकड़ने की व्यवस्था करायी जा रही है| वह खुद भी जल्द गाँव का दौरा करेगें| जल्द समस्या का ठोस निराकरण किया जायेगा|