लखनऊ:अगले साल आम चुनाव होने हैं। इस लिहाज से प्रदेश की अहमियत को देखते हुए योगी सरकार अपनी सालगिरह पर नौकरियों का पिटारा खोल सकती है। विपक्ष अक्सर केंद्र सरकार के उस वादे की आलोचना जुमला कह कर करता रहा है, जिसमें हर साल युवाओं को एक करोड़ नौकरियां देने की बात कही गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा की चुनावी रैलियों में इस वादे को कई बार दोहराया था। नौकरियां तो मिली नहीं उलटे नोटबंदी और जीएसटी से कारोबार में आई मंदी से कइयों की नौकरियां चली गईं। एक कारोबारी के अनुसार जिसका सालाना कारोबार पांच करोड़ रुपये का था वह घटकर दो करोड़ पर आ गया। उसी अनुपात में रोजगार भी घटे हैं।
मुख्य सचिव राजीव कुमार ने खाली पदों को लेकर पिछले दिनों सभी विभागों के अपर सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव को निर्देश जारी किया है। निर्देश के अनुसार सरकार सभी जरूरी और महत्वपूर्ण पदों को भरने के लिए दृढ़ संकल्पित है। लिहाजा आपसे अपेक्षा है कि अपने अधीनस्थ सभी अनिवार्य खाली पदों की औपचारिकताओं को पूर्ण करते हुए इससे संबंधित अधियाचन आयोगों और प्रमुख सचिव कार्मिक को 16 मार्च तक अवश्य उपलब्ध करा दें। सरकार प्राप्त सूचना के आधार पर ही अपने साल भर पूरे होने के अवसर पर नई नौकरियों की घोषणा कर सकती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद बार-बार युवाओं को नौकरियां देने पर जोर देते रहे हैं। उनके मुताबिक सरकार छह लाख युवाओं को नौकरी देने जा रही है। कुछ की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं और कुछ की होने वाली है। सरकारी नौकरियों के अलावा कौशल विकास के जरिये युवाओं को हुनरमंद बनाकर बड़े पैमाने पर उनको रोजगार दिलाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जता चुकी है।
सालगिरह पर उपलब्धियों के साथ कार्ययोजना भी बताएंगे
सरकार की सालगिरह पर 19 मार्च को मुख्यमंत्री लोकभवन में पत्रकारवार्ता के दौरान साल भर की उपलब्धियां बताने के साथ विभागवार अगले साल की कार्ययोजना भी बता सकते हैं। शासन की मंशा है कि वर्ष 2018-19 के लिए पेश बजट में जिन योजनाओं के क्रियान्वयन की बात कही गई है, उसकी स्पष्ट रूपरेखा तैयार कर शासन को उपलब्ध कराएं। अधिकांश विभाग अपनी कार्ययोजना शासन को भेज भी चुके हैं।