लखनऊ:उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित जिलों से 48 घंटे में रिपोर्ट तलब की है और किसानों को फौरी मदद उपलब्ध कराने के लिए 50 करोड़ की धनराशि भी आवंटित करा दी है। साथ ही आंदोलनकारी किसानों पर अनावश्यक बल प्रयोग न करने की हिदायत भी दी। उन्होंने संबंधित जिला प्रशासन को सतर्कता से माहौल सामान्य कराने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि अलीगढ़, इलाहाबाद, कौशांबी चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, बाराबंकी, अंबेडकरनगर, झांसी, जालौन, ललितपुर, कन्नौज, लखनऊ और हरदोई आदि जिले उपलवृष्टि से प्रभावित है।
जानमाल की क्षति की गहन समीक्षा
गोरखपुर से बुधवार शाम लौटते ही मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर कृषि मंत्री समेत वरिष्ठ अधिकारियों की आपात बैठक कर ओलावृष्टि से बने हालात की समीक्षा की। बता दें कि गत दिनों लखनऊ, इलाहाबाद, अलीगढ़, बुंदेलखंड समेत कई जिलों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान को लेकर किसान आंदोलित है। मुख्यमंत्री ने जिलेवार फसल व जानमाल की हुई क्षति की गहन समीक्षा की। निर्देश दिया है कि संबंधित डीएम अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए पीडि़त किसानों की समस्याओं के संबंध में संवेदनशीलता बरतें। उनसे संवाद बनाएं और राजस्व कर्मियों के जरिये आवश्यक मदद तुरंत उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
50 करोड़ रुपये आवंटित
योगी ने चेतावनी दी कि कहीं कोई अव्यवस्था होगी तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। फसलों की क्षति का आकलन करके 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। संबंधित जिलाधिकारियों से पीडि़तों को तुरंत राहत उपलब्ध कराने के लिए 50 करोड़ रुपये भी आवंटित किये। बैठक में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव राजस्व सुरेश चंद्रा, प्रमुख सचिव कृषि अमितमोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार और पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह मौजूद थे।
क्षति और सरकार की ओर से दी जाने वाली मदद
या जाता है। न्यूनतम 33 फीसद या इससे अधिक फसल की क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर असिंचित जमीन के लिए 6800, सिंचित जमीन के लिए 13500 बहुफसली जमीन के लिए 18000 रुपये का अनुदान दिया जाता है।