फर्रुखाबाद: बुधवार को जनपद के 21 वें स्थापना दिवस पर फर्रुखाबाद महोत्सव का भव्य शुभारम्भ किया गया| जिसमे विभिन्य सरकारी विभागों ने भी अपने स्टाल लगाकर लोगो को विभिन्य योजनाओं की जानकारी दी|
दोपहर लगभग 3:30 तक जिलाधिकारी मोनिका रानी व सीडीओ अपूर्वा दुबे का इंतजार शुभारम्भ के लिये होता था| लेकिन कलेक्ट्रेट में डीएम की बैठक होने के कारण शुभारम्भ में डीएम नही पंहुची| उनकी जगह पर अपर जिलाधिकारी गुलाब सिंह व नगर मजिस्ट्रेट जैनेन्द्र जैन व एसडीएम सदर अजीत सिंह ने महोत्सव का शुभारम्भ फीता काटकर किया| महोत्सव में सर्वधर्म सम्मेलन के साथ ही साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुये| महोत्सव में मनोरंजन के लिये भी झूले आदि की व्यवस्था की गयी है|
आजदी के दिवानो की याद दिला रही प्रदर्शनी
फर्रुखाबाद महोत्सव में इस बार 1857 की क्रांति के समय को जीवित करने का प्रयास किया गया है| कि किस तरह से अंग्रेज सरकार सीने में भाला खोपना, गर्म तेल के जिंदा आदमी को डालना, भाले पर इंसान को लिटा देना|, एक की समय में कई लोगो को फांसी पर टांग देना आदि दर्शाना गया है| इस प्रदर्शनी की काफी प्रशंसा हो रही है|
चर्चा में रहा आँगनबाड़ी के पुष्टाहार का केक
आंगनबाडी कार्यकत्रीयों के द्वारा महोत्सव में स्टाल लगाया गया| जिसमे पुष्टाहार से सम्बन्धित सभी चीजो का प्रदर्शन किया गया| सबसे जादा चर्चा मे पुष्टाहार से बना केक रहा| जिसको खूबसूरती के साथ सजाया गया था| इस दौरान पुष्पा सिंह, अर्चना दीक्षित, नीलम चौहान, सुनीता कठेरिया, विमलेश चौधरी आदि मौजूद रही|
केन्द्रीय कारागार के बैंड ने बाँधा समा
केन्द्रीय कारागार के बन्दियो के द्वारा बनाया गया बैड ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बैंड बजाकर समा बांधा| बैड की धुनों पर देश भक्ति के तराने बजे तो लोगो अपने आप ही ताली बजाने लगे|
ढोंगी बाबाओं को किया जेल में बंद
इस बार महोत्सव में बाबा रामरहीम, आशा राम बापू, हनी प्रीत, बाबा रामपाल आदि को तिहाड़ जेल में बंद दिखा प्रदर्शनी लगायी गयी| जो चर्चा का विषय रहा| लोग जेल के सामने खड़े होकर फोटो खिचाते भी नजर आये|
महोत्सव के अध्यक्ष डॉ० रामकृष्ण राजपूत, उर्मिला राजपूत, सुरेन्द्र पाण्डेय, संजय गर्ग, अतुल कपूर, अरुण प्रकाश तिवारी ददुआ, पप्पन मियाँ,जवाहर सिंह गंगवार आदि रहे|