पूंजीवादी व सामंती प्रहारों से आज भी नारी व्यथित

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फर्रुखाबाद : साहित्यिक संस्था अभिव्यंजना के द्वारा कालजयी नारियां पुस्तक के विमोचन के अवसर पर नारी की समस्याओ और उनके समाधान पर प्रकाश डाला गया| जिसमे उसकी सुरक्षा और प्रगति के कई कानूनों पर भी मंथन हुआ|

शहर के आवास विकास स्थित एक होटल में आयोजित कालजयी नारियां पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डा. अनूप पटेल व कार्यक्रम अध्यक्ष साहित्यिक संस्था अभिव्यंजना की प्रमुख डा. रजनी सरीन ने दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। डा. एमएस सिद्दीकी ने कहा कि समाज के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां आज भी महिलाएं पूंजीवादी व सामंती संस्कृति व्यथित है | डा. राजकुमार सिंह ने कहा कि यह लेखन कालजयी नारियां महिलाओं को प्रेरणा देंगी|

डा. अनूप पटेल ने कहा कि लोकतांत्रिक समाज में अभी भी नारी विषमतावादी संत्रास झेलने को मजबूर है। डा. रजनी सरीन ने कहा कि कालजयी नारियां पुस्तक अंधकार में भटक रही नारी जाति का पथ आलोकित कर सकेगी। पुस्तक के लेखक जवाहर सिंह गंगवार व गीता सिंह ने भी अपने विचार रखे | गायत्री देवी, सुनील कटियार, पूर्व विधायक कुलदीप गंगवार, विजय दुबे, डा. रामबाबू मिश्र, आशा दुबे ने भी विचार रखे।