बैंक मित्रो को दी जाये बैंक कर्मियों की मान्यता

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फर्रूखाबाद: बैंक मित्र संघ ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा। बैंकमित्रो ने ज्ञापन में कहा की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जनधन योजना को सफल बनाने के लिए दिन रात मेहनत करके गांव-गांव जाकर लोगो का खाता खुलवाकर गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड में भारत का नाम भेजा है। आज भारत के 80 प्रतिशत खाते हम लोगों के केन्द्रांे से सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। सरकारी योजना आगे बढ़ाने के लिए बैंकमित्रों को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विभिन्न प्राइवेट कंपनियों की शाखा के रूप में जोड़ा गया है, जिनकी संख्या लगभग 3 लाख है।

बैंक मित्र बनाने से पूर्व सरकार द्वारा जो मानदेय देने की घोषणा की गयी थी, वह हम लोगो को नहीं मिल रहा है। श्रम मंत्रालय के अनुसार जो न्यूनतम मजदूरी हम लोगों को मिलनी चाहिये, वह भी नहीं मिल रही है। बैंक मित्र विगत कुछ वर्षांे से एक बैंक के कर्मचारी से अधिक कार्य कर रहे हैं। बैंक में जितना काम 5-6 लोग करते हैं, उतना कार्य हम लोगो को अकेले करना पड़ता है, जैसे खाता खोलना, जमा-निकासी, आधार लिंक करना, हेल्थ कार्ड, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना, जीवन ज्योति योजना आदि। बैंक कर्मियों को पचासों हजार वेतन मिलता है, जबकि हम लोगों को नाममात्र का कमीशन मिलता है, जिसमें से आधा वह प्राइवेट कंपनी खा जाती है, जिसकी हमारी शाखा होती है। शेष आधे में हमें सेंटर का पूरा खर्चा निकालना पड़ता है। इसके बाद भी बैंको तथा कंपनियों द्वारा हमारा शोषण किया जाता है। बैंक मिँत्रो ने मांग की है कि समान कार्य का वेतन बैंक मित्रो को मिलना चाहिये, बैंक मित्रो को बैंक कर्मी की मान्यता दी जाये, हमारे बीच उपस्थित ठेकेदार व कंपनियों को हटाकर सीधे बैंक से जोड़ा जाये। यदि इस पर 7 जून तक कार्यवाही नहीं होती है तो सभी बैंक मित्र अखिल भारतीय बैंक मित्र संघ के समर्थन में 8 जून को जंतन-मंतर दिल्ली पर धरना देने के लिए वाध्य होंगे। ज्ञापन देने वालों में बैंक मित्र संघ के सचिव अनूप कुमार तिवारी, नितिन दुबे,राहुल उपाध्याय आदि लोग मौजूद रहे।