भोपाल: मालेगांव बम विस्फोट के मामले में मुंबई उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को गुरुवार को भोपाल के केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया। भोपाल केंद्रीय जेल के जेलर दिनेश नारवाने ने आईएएनएस को बताया कि देवास मामले में उन्हें पहले ही रिहा किया जा चुका था और मालेगांव मामले की सुनवाई मुंबई उच्च न्यायालय में चल रही थी। उन्हें मुंबई भेजने की कोशिश चल रही थी, इसी दौरान पांच लाख रुपये के मुचलके पर उन्हें वहां से जमानत मिल गई। वह यहां न्यायिक हिरासत में थीं। स्तन कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ठाकुर का ढाई वर्ष से भोपाल के पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सा संस्थान में इलाज चल रहा है।
महाराष्ट्र के नाशिक जिले में मुंबई से 290 किलोमीटर दूर मालेगांव में 8 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास किए गए बम विस्फोट में 6 लोगों की जान गई थी और 100 लोग घायल हुए थे। जुमे की नामाज के समय किए गए इन विस्फोटों को कांग्रेस ने ‘भगवा आतंकवाद’ नाम दिया था। इन विस्फोटों के लिए आरएसएस से जुड़े हिंदूवादी संगठन ‘अभिनव भारत’ को जिम्मेदार मानते हुए महाराष्ट्र एसआईटी ने मुख्य आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार किया था। प्रज्ञा तभी से जेल में थीं। पुलिस ने 2013 में आरोपपत्र दाखिल किया था। केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद मई, 2016 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रज्ञा को क्लीनचिट दे दी। कांग्रेस का कहना है कि सत्ता परिवर्तन के बाद इस मामले को कमजोर किया गया है।