फर्रुखाबाद: विकास खंड कमालगंज के राजेपुर सराय मेदा में एक ही भवन में खुले कई मदरसों के खिलाफ यदि भ्रष्टाचार की जाँच योगी सरकार ने करा दी तो जिले के सम्बन्धित कई विभागों के अफसरों पर कार्यवाही की तलवार लटक सकती है| खबर प्रकाशित होने के बाद घोटाले में अपने हाथ काले करने वाले अफसरो में चक-चक शुरू हो गयी है|
रिटायर्ड मास्टर ऐनुल हसन ने वर्ष 2002 से फर्जी मात्र कागजो पर ही पैगामे हक मुस्लिम मायनारटी राजेपुर सरायमेदा में सोसायटी से सम्बन्धित लोगो ने जनपद के शिक्षा विभाग से सम्बन्धित अधिकारीयों से अपना ताल-मेल मिलाकर पचासों लाख रूपये की छात्रवृति का गबन करने का आरोप लगाया है| इसके साथ ही साथ अन्य कई भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे|
सोचने वाली बात यह है की 2002 से 2017 तक जितने भी सम्बन्धित अफसर रहे क्या उनकी बिना इजाजत के उनकी नाक के नीचे लाखो रूपये का भुगतान निकल गया| कागजो में ही मदरसे बने और उसी में भुगतान भी हो गया| अब शिकायत कर्ता ऐनुल हसन की शिकायत पर कार्यवाही हुई तो कई बड़े अफसर भी उसकी जद में आ जायेगे| खबर प्रकाशित होने के बाद बीजेपी नेताओ में भी पिछली सरकार और उसके अफसरों के खिलाफ आक्रोश पैदा होने लगा है|