फर्रुखाबाद : सपा के गढ़ कन्नौज में परिवर्तन संकल्प महारैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इतना प्यार 2014 में दे दिया होता तो कितना अच्छा होता। आपने आंख की शर्म के कारण जिन पर कृपा की वह एक कुनबा टूट गया, लेकिन मैं आपसे वादा करता हूं अबकी बार आपके प्यार को विकास के रूप में ब्याज समेत लौटाऊंगा। हिन्दुस्तान के हर कोनों में सुंगध फैलाने वाले कन्नौज से अपनी खुशी बांटने आया हूं। सवा सौ करोड़ देश वासियों से खुशी बांटना चाहता हूं।
इसरो ने भारत के विकास का नया कीर्तिमान रचा
पीएम मोदी ने कहा कि भारत विकास के नए कीर्तिमान रच रहा है। आज हमारे वैज्ञानिकों ने स्पेस प्रोग्राम में ऐसा काम किया कि जिसे विश्व में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। हमारे वैज्ञानिको ने एक साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च किए हैं। आज आकाश में भी सेंचुरी पार कर दी। इसमें तीन हिन्दुस्तान के हैं और 101 दुनिया के और देशों के सेटेलाइट लॉन्च कर इतिहास रच दिया है। अमेरिका, इजरायल, नीदरलैंड, यूएई समेत पूरी दुनिया में भारतीय वैज्ञानिकों ने भारत का सीना चौड़ा कर दिया।
भारत सरकार गरीबों का पेट भरती हैः मोदी
क्या सरकार अमीरों, धन्नासेठों, कुनबों के लिए होती है। नहीं सरकार गरीबों के लिए महिलाअों, शोषितों, वंचितों अौर पीड़ितों के लिए होती है। यूपी में गरीबों की थाली में जब गरीब खाना खाता है तो 3 रुपया गरीब लगाता है तो भारत सरकार 27 रुपए भारत सरकार लगाकर उसका पेट भरती है। यूपी की सरकार गरीब विरोधी है। भारत सरकार ने अन्न सुरक्षा के तहत यूपी सरकार को पैसे देने के लिए कहा है। गरीबों की सूची बनाने के लिए कहा, लेकिन अभी तक सूची नहीं बनी। मुलायम, अखिलेश अौर उनकी श्रीमती जी बताएं कि अभी तक अाप गरीबों की सूची क्यों नहीं दे पाए। भारत सरकार ने 750 करोड़ रुपए गराबों के लिए निकाल के रखे हैं, यूपी सरकार को गरीबों के रुपए लेने में रुचि नहीं। जो कुनबे के साथ जुड़ा हो वही सपा को अच्छा लगता है। गरीबों को मरने देंगे लेकिन पैसा नहीं लेंगे। सपा गरीबों की दुश्मन है अौर सो रही है। गरीबों को पैसे इसलिए नहीं ले रहे क्योंकि उन्हें बिचौलिए नहीं मिल रहे हैं।
अब गरीबों के हृदय का सस्ता इलाज होगाः मोदी
हृदय की बीमारी अमीर को ही नहीं गरीब को भी होती है। गरीब इसका इलाज नहीं करा पता था। अभी तक एंजियोप्लास्टी में लगने वाला स्टैंड लगवाने में 45 हजार रुपए लगते थे। विशिष्ट स्टैंड लगवाने में सवा लाख रुपए खर्च होते थे। इसमें रक्त के साथ दवा भी जाती है। केंद्र सरकार ने अध्ययन किया इसके बाद इस स्टैंड को ड्रग कंट्रोल में डाल दिया। नतीजन 45 हजार रुपए वाला स्टैंड अब 8 हजार रुपए, सवा लाख वाला स्टैंड 30 हजार रुपए का मिलेगा।