फर्रुखाबाद: भोजपुर विधानसभा सीट राजा भोज और गंगू तेली की कहानी से कहीं न कहीं जोड़ी जाती है। इस विधानसभा को 1957 में आजादी के बाद अस्तित्व में लाया गया था। विधानसभा भोजपुर में इस चुनाव में 3,06,477 मतदाता 20 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करने वाले हैं।
1962 में हुए परिसीमन में भोजपुर विधानसभा का अस्तित्व समाप्त कर उसकी जगह पर कमालगंज विधानसभा किया गया था। वर्ष 2012 में हुए चुनाव में पुनः भोजपुर विधानसभा अस्तित्व में आ गयी और सपा से जमालुद्दीन सिद्दीकी विधायक बने। इस विधानसभा में महिला मतदाताओं की संख्या 1,39,361 है। पुरुष मतदाओं की संख्या 1,67,102 है। विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 4,00153 है जिसमें कुल मतदाता 3,06,477 है। विधानसभा में कुल मतदाताओं की गणना में महिला वोटर 46 प्रतिशत है। जबकि पुरुष मतदाता 54 प्रतिशत निवास कर रहा है। आजादी के बाद से 2017 के चुनाव तक भोजपुर विधानसभा विकास के लिए छटपटा रही है। स्थानीय विधायक अपने तमाम विकास कार्यों को गिनाकर जनता की वाहवाही लूटना चाहते हैं। लेकिन विकास की स्थिति क्या है यह किसी से छिपा नहीं है। विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले गांव महमदपुर, मढैयन 50 सालों बाद भी जनता को स्थाई पुल नसीब नहीं हुआ।
2012 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सौरभ राठौर तीसरे नम्बर पर रहे थे। बताते चलें कि आजादी के बाद 1957 में आईएनसी से अबधेशचन्द्र सिंह, 1962 में आईएनसी से महरम सिंह विधायक रहे थे।