प्रियंका सुलझाएंगी सपा-कांग्रेस गठबंधन में फंसा पेंच

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फर्रुखाबाद: समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर फंसे पेंच को सुलझाने के लिए प्रियंका गांधी खुद सक्रिय हो गई हैं. इस सिलसिले में प्रियंका ने एक गुप्त दूत को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास मिलने भेजा था बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी समाजवादी पार्टी से गठबंधन को लेकर काफी गंभीर हैं. हालांकि, वह दूत कौन है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है.

दरअसल, शुक्रवार को समाजवादी पार्टी ने अपनी पहली सूची जारी कर उन सीटों से भी उम्मीदवार खड़े किए हैं जहां पर कांग्रेस विधायक पिछले विधानसभा चुनाव में जीते थे. इससे कांग्रेस और सपा की दोस्ती पर संकट के बादल मंडराने लगे| इसके बाद सपा उपाध्यक्ष किरणमय नंदा का बयान आया कि वैसे तो कांग्रेस का हक सिर्फ 54 सीटों पर बनता है, लेकिन वे उसे 84-85 सीट देने को तैयार हैं. उनके बयान से साफ़ था कि कांग्रेस को इससे ज्यादा सीटें देने के मूड में सपा नहीं है.

इन सबके बीच सपा ने अपनी दूसरी सूची भी जारी कर दी. इसके बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर अखिलेश से मिलने लखनऊ स्थित उनके सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग पहुंचे. अखिलेश से मिलने के बाद राजबब्बर ने कहा गठबंधन की प्रक्रिया अभी जारी है. जो लोग कह रहे हैं कि गठबंधन को लेकर कांग्रेस सकारात्मक रूख नहीं अपना रही है, वे गलत हैं| इस बीच अजय माकन ने भी कहा कि बातचीत जारी है. जल्द ही गुलाम नबी आजाद अखिलेश से मुलाकात कर फिर से गठबंधन पर चर्चा करेंगे.

यूपी में सात चरणों में चुनाव

उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 8 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के अखिलेश धड़े के बीच गठबंध के बावजूद बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा| केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद जिस तरह से बीजेपी को दिल्ली और बिहार में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है, वैसे में उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है| मुख्यमंत्री चेहरे को सामने न लाकर एक बार फिर बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर दांव खेला है| इसका कितना फायदा उसे इन चुनावों में मिलेगा वह 11 मार्च को सामने आ ही जाएगा.

ये होंगे चुनावी मुद्दे

इस बार उत्तर प्रदेश चुनावों में समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के अलावा प्रदेश की कानून व्यवस्था, सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी और विकास का मुद्दा प्रमुख रहने वाला है. जहां एक ओर बीजेपी और बसपा प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर अखिलेश सरकार को घेर रही हैं, वहीँ विपक्ष नोटबंदी के फैसले को भी चुनावी मुद्दा बना रहा है.

यूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं. 2012 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने 224 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. पिछले चुनावों में बसपा को 80, बीजेपी को 47, कांग्रेस को 28, रालोद को 9 और अन्य को 24 सीटें मिलीं थीं.