लखनऊ: एटा के अलीगंज और फर्रुखाबाद के कंपिल में स्कूली बच्चों से भरे वाहन दुघर्टनाग्रस्त होने से फिर कुछ दिन के लिए मानकों के पालन कराए जाने की कवायद होने लगी है। फिलहाल उत्तर प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में छात्र-छात्राओं को ले आने-जाने के लिए बड़ी संख्या में संचालित हो रहे मोटर, बस, मैक्सी, कैब और मारुति वैन की फिटनेस जांच कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। हालांकि पहले कमजोर तैयारी की रोशनी में देखें तो अब शायद वाहन से जाने वाले बच्चों का प्रतिशत नगण्य हो जाएगा।
एडीजी कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने पुलिस अधीक्षकों से कहा कि कुछ दिनों से इन स्कूली वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इसलिए स्कूली वाहनों की चेकिंग की जाए। उन्होंने इसके लिए बिंदु निर्धारित किए हैं। चालक कामर्शियल डीएल धारक हो और उसके पास वाहन के सभी वांछित प्रपत्र उपलब्ध होने चाहिए। मसलन उसके पास आरसी, बीमा और प्रदूषण के प्रपत्र मौजूद होने चाहिए। वाहन की फिटनेस प्रमाणित हो और ओवर स्पीडिंग करने वाले वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए। ओवरलोडिंग चेक किया जाए। सीएनजी व एलपीजी लगी होने की दशा में प्रमाणित संस्था से फिटिंग सर्टिफिकेट की जांच की जाए। वाहन द्वारा अपेक्षित समय अंतराल पर सीएनजी के लीकेज संबंधी जांच कराकर नो लीकेज का सर्टिफिकेट प्राप्त किया जाए। यह भी सुनिश्चित करें कि स्कूली वाहनों की चेकिंग स्कूल परिसर के बाहर बच्चों के न बैठे रहने के दौरान किया जाए। चेकिंग के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी अनिवार्य रूप से रखी जाए। ज्यादातर देखा गया है कि कुछ सामन्य नियमों का ही पालन नहीं हो पा रहा है।
स्कूल वाहन के लिए कुछ नियम
स्कूल वाहन पंजीकरण के दौरान ड्राइवर का पंजीकरण जरूरी
ड्राइवर के पास पांच वर्ष पुराना ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए।
ड्राइवर और सहायक दोनों के पास ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य।
ड्राइवर की आपराधिक इतिहास की पुलिस जांच होनी चाहिए।
कोई आपराधिक इतिहास वाला स्कूल बस का चालक नहीं बनेगा।
सुरक्षा के लिए वाहन में अनुभवी पुरुष और महिला सहायक साथ होंगे।
बस के कर्मचारियों को निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करना होगा।
सभी स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर के साथ अलार्म अनिवार्य होगा
चालक निर्धारित गति सीमा से अधिक रफ्तार नहीं बढ़ाएंगे।
वाहन से स्कूल आने-जाने वाले बच्चों की सूची चस्पा होगी
सूची में नाम, कक्षा, पता और ब्लड ग्रुप भी लिखा होगा।
स्कूल बसों में दो इमरजेंसी गेट की व्यवस्था करानी होगी।