अटैना घाट पर त्याग, तपस्या और वैराग्य का मेला

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फर्रुखाबाद:(कंपिल) अटैना घाट मेले में रेत के ढ़ेर पर अस्थाई तम्बुओं और झोपड़ों का शहर बसने लगा है। बड़ी संख्या में गंगातट पर पहुंच रहे साधू-संत और श्रद्धालु एक माह से भी अधिक समय तक कल्पवास करने के लिए फूस के झोपड़े बनाने में लगे हुए हैं।

मेले का उद्घाटन स्वामी भंवरानन्द ने हवन पूजन के साथ किया| अटैना घाट में चल रहे शूरू हुये माघ मेले में जिले के अलावा अन्य जिलो के संत-महात्मा व श्रद्धालुओं का तांता लगता है | यहां कल्पवास करने आ रहे संतों के शिष्य अपने महंतों के लिए फूस के झोपड़े बनाने में लगे हुए हैं। पूरे माह मेले में मौनी महाराज की तरफ से भंडारा चलेगा | साफ-सफाई ना होने के कारण संत आक्रोशित दिखे | बीते 10 वर्षो से चल रहे मेले में श्रद्धालु कल्पवास करने आते है|
इस दौरान स्वामी हरीगिरि, रामस्वरूप, मोहनदास, महागिरि, उपदेश कुमार व चन्द्रप्रकाश आदि मौजूद रहे|