फर्रुखाबाद:(शमसाबाद) थाना क्षेत्र इस समय साइबर क्राइम करने वालो के निशाने पर है| अधितर सिम बिक्रेता फर्जी आईडी से एक्टिवेट की गयी सिमो को औने-पौने दामो में बेंच कर अपनी जेबे तो गर्म कर ही रहे है साथ ही साथ अपराधिक मानसिकता वाले लोग इसका इस्तेमाल अपराध करने में करते है और बाद में पुलिस उस आईडी वाले व्यक्ति को अपराध होने पर पकडती है और असली अपराधी सलाखों के पीछे नही जा पाते|
जहाँ एक ओरफर्जी सिमो से सुरक्षा को खतरा है तो अपराधियों की बल्ले बल्ले है 50 रू० से लेकर 250 रु० में चालू सिम बाजारों में उपलब्ध है| इन्ही सिमों से जंहा अपराध का जन्म होता है जिस व्यक्ति के कागजात उस सिम में लगे है वह पुलिस प्रताडना, कोट कचहरी के चक्कर जेल तक जाना पड़ता है वकीलों की भारी भरकम फीस देनी पड़ती है तथा सामाजिक सम्मान भी गिरता है| पुलिस अपराधी को पकड़ना तो दूर उसके बारे में कोई भी सुराग नहीं लगा पति है डिस्ट्रीब्युटर रिटेलर स्कीम बनाने के चक्कर में हजारों सिमें पहले से ही फर्जी आईडी लगाकर एक्टिवेट करके छोटे दुकान बालों को मुनाफे का लालच देकर बिक्री करते है| यहीं से शुरू होता है फर्जी सिमों के बिक्री का खेल छोटे दुकानदार सिम किसे दे रहे है इसकी कोई जानकारी नहीं रखते इसी का फायदा अपराधी उठाते हैं|
जिले भर में फर्जी सिम बेंचने वालो का एक मकड़जाल जाल फैला है| जिससे इस अबैध धंधे से लाखो की कमाई होती है| लेकिन पुलिस का इस तरफ कोई ध्यान नही है| अभी बीते दो दिन पूर्व इसी तरह की सिम से कुछ लोगो ने शमसाबाद चेयरमैन विजय गुप्ता को हत्या की धमकी थी| जिसमे पुलिस अभी हाथ पैर मार रही है| लेकिन अपराधी अभी तक सलाखों के पीछे नही पंहुचा| यह अलग बात है कि पुलिस किस तरह से इन अपराधियों को सलाखों के पीछे डालती है|
शमसाबाद थानाध्यक्ष ललितेश त्रिपाठी ने बताया कि इस तरह से फर्जी सिम बेंचने वाले दुकानदारो के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा| पकड़े जाने पर कार्यवाही भी की जायेगी| चेयरमैंन वाले मामले में भी अभी जाँच चल रही है|