दारोगा को रौंदती चली गई पशु तस्करों की गाड़ी

CRIME FARRUKHABAD NEWS POLICE

uppजौनपुर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में पशु तस्करों को पुलिस का जरा भी खौफ नहीं रह गया है, जिसके चलते आज एक दारोगा को अपनी जान गंवानी पड़ी। मामला शहर कोतवाली थाना क्षेत्र का है जहां ड्यूटी पर तैनात एक दारोगा को पशु तस्करों ने गाड़ी से रौंदकर न सिर्फ मौत के घाट उतार दिया बल्कि पुलिस के आंखों में धूल झोंककर आसानी से फरार हो गया।

आनन-फानन में एसपी ने पूरे मामले की जांच के आदेश देते हुए पशु तस्करों की धर-पकड़ के लिए टीमें लगा दी है। नगर कोतवाली थाना क्षेत्र के बदलापुर पड़ाव पर आज तड़के पुलिस को यह सूचना मिली कि दो पिकअप वाहन पर पशु तस्कर दर्जनों पशुओं को गाड़ी में लादकर आजमगढ़ की ओर जा रहे है।
यूपी में दारोगा को रौंदती चली गई पशु तस्करों की गाड़ी धौलपुर जिले के कंचनपुर थाना इलाके के बदरेठा गांव में उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ आए एक दर्जन से अधिक लोगों को ग्रामीणों ने बंधक बनाकर पीटा…सूचना मिलते ही पुलिस का वायरलेस घनघनाने लगा और बदलापुर पड़ाव पर सरायपोख्ता चौकी पर तैनात दारोगा त्रिलोक तिवारी अपने साथी सिपाहियों के साथ गाड़ी का इंतजार कर रहे थे। तभी दो पिकअप वाहन बदलापुर की ओर से आते दिखाई दिए। नजदीक पहुंचने पर जब दारोगा ने ड्राइवर को रुकने का इशारा किया तो उसने अचानक गाड़ी की स्पीड बढ़ाते हुए उन्हें जोरदार टक्कर मारी और फिर उन्हें रौंदते हुए भाग गए।

आनन-फानन में सिपाहियों ने घायल दारोगा को जिला चिकित्सालय पहुंचाया जहां डाक्टरों ने हालत नाजुक देखते हुए उन्हें वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया जहां उनकी मौत हो गई। मृतक बिहार के कैमूर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के नोनार गांव का निवासी है। फिलहाल एसपी ने पूरे मामले की जांच के आदेश देते हुए जल्द ही आरोपियों को पकड़ने का दावा किया।

इस घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और एसपी के आदेश पर कई थाने की फोर्स फरार पशु तस्करों की तलाश में जुट गई। वहीं इसकी सूचना जब बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के लोगों को मिली तो वह भी नाराज हो गए और एसपी से मिलकर पशु तस्करों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। इनका कहना है कि जिले में पशु तस्करों का गैंग पुलिस की मिली भगत से संचालित हो रहा है और इनके बुलंद हौसले के चलते ही आज एक दारोगा को अपनी जान गंवानी पड़ी।

पशु तस्करों के लिए पूर्वांचल के आजमगढ़, जौनपुर, मउ, गाजीपुर सबसे बड़ा गढ़ माना जाता है। पुलिस की मानें तो रात के अंधेरे में कई ट्रकों की आवाजाही शुरू हो जाती है। साथ ही छोटे पिकअप वाहन भी पशु तस्करों के लिए फायदे का काम करते है क्योंकि रात में पुलिस की गश्त तो कम रहती ही है। साथ ही सड़कों पर सन्नाटे का फायदे उठाते हुए ये लोग बेधड़क होकर अपने वाहनों को भगा ले जाते है। यही वजह थी कि आज एक दारोगा को अपनी ड्यूटी निभाते हुए जान गंवानी पड़ी है।