फर्रुखाबाद: मोदी कैबिनेट की आज हुई एक अहम बैठक में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया गया है। सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा वेतनमान देने की मंजूरी दी है। जिसमे को उचित लाभ मिलता ना देख राज्य कर्मचारियों और शिक्षको ने आन्दोलन की रणनीति बना ली है |
वेतन आयोग के अलग-अलग बिंदुओं पर चर्चा हुई है। सभी विषयों पर लिए गए निर्णयों को सम्मिलित कर नोट तैयार किया जा रहा है। उन्होंने इस बढ़ोतरी को ऐतिहासिक करार दिया है। एक अधिकारी ने कहा कि ग्रेडेड इंक्रीज इन बेसिक सैलरी पर कैबिनेट ने चर्चा की है। ऐसा माना जा रहा है कि अधिकतर लोगों के लिए 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। कुछ पदों पर 25 फीसदी की बढ़ोतरी पर चर्चा हुई है। मिली जानकारी के अनुसार, यह बढ़ा वेतनमान 1 जनवरी 2016 से लागू होगा। अब करीब 15-25 दिनों में सभी विभाग अपने अपने कर्मचारियों के वेतनमान तय कर लेंगे और कहा जा रहा है कि जुलाई में मिलने वाले वेतन में पूरा एरियर और बढ़ा वेतन दे दिया जाएगा।
वही 7वें वेतन आयोग की मंजूरी के बाद राज्य कर्मचारियों और शिक्षको में भारी आक्रोश है| और कर्मचारी आन्दोलन की राह पर है| शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष संजय तिवारी ने बताया कि 7वें वेतन आयोग में शिक्षको के लिये कुछ नही है| शिक्षक इसका खुला विरोध करेंगे|