ददुआ डकैत फिर बना भगवान, लाखो लोगो के बीच होगी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा

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Shiv-Kumar-Patel-dadua1कानपुर: चंबल की घाटियों से लेकर कभी गंगा के कटरी इलाकों में आतंक का दूसरा नाम रहे डकैत शिवकुमार उर्फ ददुआ की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करने की तैयारी हो रही है. जी हां, दो दशकों तक जिसने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की पुलिस नींद हराम कर दी थी उसकी याद में फतेहपुर में मंदिर बनाया जा रहा है.
शहर से 80 किमी दूर दूर हाटा ब्लाक के कबरहा गांव के हनुमान मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी| इतना ही नहीं उस मंदिर में ददुआ के अलावा उसके परिवार के दूसरे सदस्यों की मूर्ति की स्थापना भी की जाएगी. 4 फरवरी से शुरू हो रहे इस कार्यक्रम में 10 दिन तक रामकथा का आयोजन किया जाएगा| इस पूरे कार्यक्रम को मेले का रूप दिया जा रहा है जिसमें डेढ़ लाख लोगों के जुटने की संभावना है. ये पूरा आयोजन ददुआ के भाई और पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल की देख-रेख में हो रहा है.
हनुमान मंदिर से है ददुआ का नाता
जिस मंदिर में ददुआ और उसके परिवार की मूर्तियों की स्थापना की जा रही है. उसमें हनुमान जी की मूर्ति लगी है. इसकी स्थापना खुद ददुआ ने की थी. उस समय ये कार्यक्रम उत्तर प्रदेश पुलिस की प्रतिष्ठा का विषय बन गया था| क्यों कि ददुआ ने खुद ऐलान किया था कि वो हनुमान जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करने आएगा उसको पकड़ने के लिए राज्य भर की पुलिस मंदिर के आसपास तैनात कर दी गई थी| लेकिन भेष बदलने में माहिर ददुआ ने पुलिस को चकमा देकर मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी और फरार हो गया. उस कार्यक्रम में भी लाखों की भीड़ इकट्ठा हुई थी.
रॉबिन हुड जैसी थी छवि
ददुआ डकैत के बारे में कहा जाता था कि उसने कभी गरीबों को परेशान नहीं किया और बाकायदा वो लूट को माल गरीबों में मदद के लिए बांट दिया करता था. उस इलाके में उस समय बहुत गरीबी थी और लोग भुखमरी के शिकार थे. ऐसे में ददुआ उनके बीच नायक बनकर उभरा इसी के दम उसने पूरे इलाके में दशकों तक राज किया.
कैसे हुई थी मौत
दुदुआ बाद में कभी उस इलाके की कई विधानसभा सीटों में जीत की गारंटी बनने का दावा करने लगा था. जिसकी वजह से वह प्रदेश में एक खास राजनीतिक दल के करीब आने लगा| 2007 में उत्तर प्रदेश में बीएसपी सुप्रीमो मायावती की सरकार थी| अब तक ददुआ के खिलाफ 150 मामले दर्ज हो चुके थे और उसके ऊपर साढ़े पांच लाख इनाम था|

पुलिस ने उसे जुलाई 2007 में भयंकर मुठभेड़ में मार गिराया| उस समय के तत्कालीन डीजीपी विक्रम सिंह ने सूचना दी थी कि दो बार हुई मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से 10 लाशें बरामद हुईं जिसमें एक शिवकुमार पटेल उर्फ दुदुआ का भी शव था| ये मुठभेड़ चित्रकूट में मानिकपुर के कैलहा इलाके में थी.