फर्रुखाबाद: वर्षो से लकूला बस्ती गैर क़ानूनी काम करने के लिये मशहूर मानी जा रही थी| यंहा के लोग कच्ची शराब बनाने, छोटे बड़े अपराध करने, चोरी के सामान को खरीदने बेचने के लिये जाने जाते थे| किसी ने भी एक छोटे से मोहल्ले को साफ सुथरा बनाने का कभी प्रयास ही नही किया| जिसके चलते नगर क्षेत्र में बसी लकूला गिहार बस्ती में जन्म लेने वाला मासूम भी उन्ही कार्यो को करने में महारत हासिल करने में लग जाता जो उसके पूर्वज करते थे| शिक्षा के नाम पर मोहल्ले में अँधेरे का साम्राज्य था| बीते महीनों तत्कालीन जिलाधिकारी एनकेएस चौहान ने लकूला को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बनाया और अपने अधिकारियो को भी इस पर कार्य करने के लिये निर्देशित किया|
जिसके बाद लकूला गिहार बस्ती में सरकारी जमीन देखकर उसमे दो कमरों का प्राथमिक विधालय के भवन का निर्माण 20 मार्च 2015 को शुरू कर दिया गया| जिलाधिकारी के आदेश पर ही वर्ष 2011 के बजट से चार लाख और 2 हजार रुपये विधालय निर्माण के लिये दिये गये| जिसका भवन प्रभारी सोमनाथ दीक्षित को बनाया गया था| इसी बीच तत्कालीन जिलाधिकारी ने गिहार बस्ती के लोगो को शिक्षित करने के लिये शिक्षा आप के द्वार कार्यक्रम चलाया| वही विधालय निर्माण जल्द से जल्द करने के निर्देश देते हुये शिक्षण सत्र वर्ष 15-16 में विधालय में बच्चो के पंजीकरण के आदेश दिये थे| लाख प्रयास के बाद भी विधालय अभी भी अपूर्ण है|
भवन में दो कमरा और एक बरामदा बनाया गया है| अभी प्लास्टर आदि का काम हुआ ही नही| नया सत्र अप्रैल में शुरू होने जा रहा है| बस्ती के बच्चे कुछ तो बैकल्पिक शिक्षा केंद्र में बैठे मिलेगे और कुछ मोहल्ले में ही खेलते नजर आ रहे है| भवन अपूर्ण होने के चलते बस्ती के लोगो में आक्रोश है| फ़िलहाल मामला कुछ भी हो आजादी के कई दशको के बाद आज भी लकूला गिहार बस्ती में शिक्षा का अँधेरा कायम है|
खंड शिक्षा अधिकारी बागिश गोयल ने बताया की विधालय निर्माण के लिये 4.2 लाख रुपये का बजट उपलब्ध कराया गया था| जो केबल दो कमरों के लिये था| भवन में बरामदा अलग से बना दिया गया है| जिससे बजट का आभाव हो गया है| जिसके लिये 80 हजार रुपये और अतिरिक्त मांगे गये है| वजट मिलते ही भवन पूर्ण करा दिया जायेगा| बीएसए भगवत पटेल ने फोन रिसीब नही किया|
परियोजना अधिकारी डीआर विश्वकर्मा ने बताया की फरवरी माह में वजट मिलने के बाद विधालय पूर्ण कराकर उसका शुभारम्भ किया जायेगा|