नई दिल्ली। लोकसभा में आज शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोला है। पहले संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में देश में ऐसा कुछ हुआ है जो संविधान के मूल्यों के खिलाफ है। सोनिया ने कहा कि हमें अंबेडकर साहब की दी गई चेतावनियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो यदि उसे लागू करने वाले लोग बुरे निकले तो निश्चित रूप से बुरा ही साबित होगा।
संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। लोकसभा में आज संविधान दिवस पर चर्चा हो रही है। चर्चा की शुरुआत गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने की। इस दौरान उन्होंने संविधान की आत्मा कहे जाने वाले प्रस्तावना पर कहा कि इसमें दो शब्द सेक्युलर और सोशलिस्ट 42वें संविधान के जरिए जोड़े गए, जो मूल तौर पर संविधान निर्माता जोड़ना नहीं चाहते थे। राजनाथ के ये कहते ही सदन में मौजूद कांग्रेस ने हंगामा करना शुरू कर दिया।
इसके बाद, कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजनाथ पर पलटवार करते हुए कहा कि अंबेडकर साहब संविधान की शुरुआत में ही ये शब्द जोड़ना चाहते थे लेकिन विरोध के चलते जोड़ नहीं पाए। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की आपत्ति के बाद एक बार फिर राजनाथ सिंह ने बोलना शुरू किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि सेक्युलर शब्द का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि सेक्युलर शब्द को धर्मनिरपेक्ष के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है जो गलत है। राजनाथ के मुताबिक सेक्युलर शब्द का सही मतलब पंथनिरपेक्ष है।
राजनाथ ने इशारों-इशारों में आमिर को निशाने पर लेते हुए कहा कि अंबेडकरजी ने कभी नहीं सोचा कि अपमान झेलने के कारण मैं देश छोड़कर कहीं और चला जाऊंगा। अंबेडकरजी को ढेर सारी मुश्किलें झेलनी पड़ी लेकिन देश के एकीकरण को लेकर उनकी निष्पक्ष सोच हमेशा कायम रही।राजनाथ ने सरदार वल्लभ भाई पटेल का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने देश को एक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गृह मंत्री को नेहरू भी याद आए और उन्होंने कहा कि नेहरूजी की भी देश के संविधान और देश को बनाने मे महत्वपूर्ण भूमिका है। उनके योगदान को भी भुलाया नही जा सकता।
लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हमारे संविधान का निर्माण दशकों के संघर्ष का नतीजा है। संविधान लिखे जाने में 3 साल लगे थे और महात्मा गांधी ने इसकी शुरूआत की थी। संविधान में हर धारा और हर जानकारी, संविधान के प्रारूप पर कांग्रेस पार्टी का हक बनता है। यही इतिहास है कि कांग्रेस पार्टी ही अंबेडकर को सबसे पहले संविधान सभा में लेकर आई थी।
सोनिया ने कहा कि जिस शानदार संविधान का हम सम्मान करते हैं। जिसकी रक्षा की शपथ लेकर हम संसद मे बात करते हैं। उस पर ऐसे महापुरुषों का हाथ है जो कभी-कभी ही जन्म लेते हैं इसलिए ये कांग्रेस के इतिहास से भी जुड़ा है। उदाहरण के लिए जवाहर लाल नेहरू ने मूलभूत ढांचा पास कर इस प्रस्ताव को पास कराया था। संविधान सभा को कदम कदम पर ऐसे 4 लोगो का मार्गदर्शन मिला। इसमें पंडित नेहरू, सरदार पटेल, राजेंद्र प्रसाद और मौलाना आजाद थे।सोनिया ने कहा कि जिन लोगों की संविधान निर्माण में कोई भूमिका नहीं है वो आज संविधान की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज एक खुशी का दिन है लेकिन दुख का भी क्योंकि संविधान के आदर्शों पर आज जानबूझकर हमला किया जा रहा है।