लाखों के हूजूम के बीच गरजे हार्दिक पटेल, हक नहीं मिला तो कमल नहीं उगेगा

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patel75अहमदाबाद: ओबीसी कोटे के अंतर्गत आरक्षण की मांग कर रहा पटेल समुदाय हार्दिक पटेल की अगुवाई में आज अपनी महत्वाकांक्षी रैली कर सरकार को ललकारा। जीएमडीसी मैदान पर करीब 8 लाख की भीड़ जुटने का अनुमान लगाया गया है। रैली में हार्दिक राज्य और केंद्र सरकार पर जमकर भड़के। उन्होंंने मोदी सरकार को भी निशाना बनाया।

भाषण के बाद हार्दिक से बात करने पुलिस भी मंच पर पहुंची, लेकिन हार्दिक ने मंच छोड़ने से इनकार कर दिया। ज्ञापन लेने के लिए मंच पर कलेक्टर को भी पहुंचना है, लेकिन हार्दिक ने मांग रखी है कि पहले सीएम आनंदी बेन को बुलाया जाए, तभी वह साथियों के साथ मंच छोड़ेंगे।मैं हार्दिक पटेल कन्वीनर कह रहा हूं कि जब तक गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल यहां आकर हमारा ज्ञापन नहीं स्वीकार करती तब तक मैं उपवास पर रहूंगा। आपमें से जो मेरे साथ बैठना चाहते हैं बैठ सकते हैं, जो घर जाना चाहे जा सकता है।

क्या क्या कहा हार्दिक ने पढ़ें-

-हार्दिक ने लोगों को प्रतिज्ञा दिलवाई, मैं पाटीदार हूं, मैं समानता वाला पाटीदार हूं, मैं संयमशील अहिंसक आंदोलन का प्रवर्तक पाटीदार हूं। मैं समाज से जुड़े हर व्यक्ति को अपना भाई मानता हूं। हमने किसी भी समाज या व्यक्ति का विरोध नहीं किया। दूसरे को खाना खिलाएंगे और जरूरत पड़ी तो उसी घर में खाना खाने जाएंगे।

-NRI से पूछा गया कि आप लोग तो समृद्ध पटेल हैं, आपने क्यों आरक्षण का समर्थन किया, उन्होंने कहा कि हमें वहां आरक्षण मिला होता तो अमेरिका न आते। हम पूरे समाज के हक के लिए निकले हैं। आप हमारा विरोध कर रहे हैं इससे ज्यादा बुरी बात ये है कि गुजरात की दूसरी जाति ये सोच कर खुश हो रही है कि देखो ये लोग अंदर अंदर टूट गए हैं।

-गुज्जर समाज का भी हमें समर्थन है। उन्होंने कहा कि अगर आपको अपना आंदोलन बाहर ले जाना है तो बताइएगा हम दिल्ली का हाइवे बंद करवा देंगे। हमने उनसे कहा कि कुछ दिन हमें भी गुजरात में गुज्जर बनने दीजिए, हम भी रेल की पटरी उखाड़ेंगे। हम नेताओं से डरते नहीं हैं। कुछ लोगों ने कहा कि तुम्हें रातोंरात उठा लेंगे, मैंने कहा ठीक है उठा कर घर छोड़ देंगे।

-हमें न सीएम बनना है न कुछ और, हमें तो बस सरदार बनना है। खेती ओबीसी को दे दी कि भाई तू कर। हमने कभी किसी के साथ झगड़ा नहीं किया, बवाल नहीं किया, लेकिन अगर किसी से बवाल हुआ है तो छोड़ा भी नहीं।

-हमने सबसे कुछ न कुछ सीखा है, मोदी साहब से सीखा है, केजरीवाल से सीखा है। मैं किसी के भी सीने पर गोली नहीं चलने दूंगा, पहली गोली मुझ पर लगेगी।

-हम ये खुद के लिए बल्कि अपनी पीढ़ियों के लिए मांग रहे हैं। सरकार भी होशियारी दिखा रही है, युवाओं को नहीं बुला रहे हैं, बल्कि समाज के बुजुर्गों को बुला रहे हैं। आप युवा को क्यों हक नहीं दे रहे हैं। विकास के नाम पर वोट हम लाए हैं, हमारा विकास कीजिए।

-हम मोदी जी आपके “सबका साथ सबका विकास” के तहत ही काम करेंगे। आरक्षण में घुसकर सबका साथ सबका विकास करेंगे, हमें सवर्ण नहीं बनना, हम सबके साथ बैठना चाहते हैं, सबके साथ खाना चाहते हैं।

-हम किसी का विरोध नहीं कर रहे हैं। जिस दिन स्टैंड क्लीयर हो गया कि हम नहीं देंगे, उस दिन बैठे है न वहां, कोई नहीं होगा। हम भी वही चमड़ी के हैं, वो भी वही चमड़ी के हैं, लेकिन लगता है कि उनकी सिलाई मशीन अच्छी है।

-हम में गांधी और पटेल के संस्कार हैं, अगर भगत सिंह बन गए तो सारी लंका को आग लगा दें। हमको बुलाकर दो कि आ जाओ भाई, आ कर ले जाओ अपना पांच एजेंडा। चाचा दे दो, वरना भतीजे को जानते हो।

-हमें इसका विरोध है कि 90% लाकर भी हमारा आदमी सेलेक्ट नहीं होता। याद रखें कि 90 के दशक में पंजा उखाड़ कर फेंका था, अगर हक नहीं मिला तो कमल नहीं उगेगा।

-कुछ लोग कहते हैं कि ये तो अपने लोग हैं, इनके सामने क्यों आंदोलन, ये अपने हैं इसीलिए तो आंदोलन कर रहे हैं

-पूरे देश में नीतीश हमारा, चंद्रबाबू नायडू हमारा, पूरे देश में 170 पाटीदार हैं, हमारे दम पर सरकार है, हमारे दम पर नेता हैं

-हमारी ताकत को तोड़ने की कोशिश हो रही है, लेकिन हम सरदार पटेल के वंशज हैं। हम 1 करोड़ हैं और देश में 27 करोड़ हैं, हम भीख नहीं मांग रहे हैं, हमें हमारा हक चाहिए।

-प्यार से दोगे तो ले लेंगे, नहीं तो छीन के लेंगे। हम न तो कांग्रेस के, न भाजपा से, न आम आदमी पार्टी से, हम केवल पाटीदार समाज से है

-जिस दिन पाटीदार समाज अपनी औकात पर आ गया तो हिंदुस्तान अपनी औकात पर आ जाएगा। चाहे यहां की या केंद्र की, ये सरकार हमने बनाई है।

-जब याकूब मेमन के लिए देर रात सुप्रीम कोर्ट खुल सकती है तो नौजवानों के मुद्दे पर क्यों नहीं

-हमने 200 लोगों से आंदोलन शुरू किया था आज यहां तक पहुंच गए

रैली से पहले आंदोलन के अगुवा ‘पाटीदार अनामत आंदोलन समिति’ के संयोजक हार्दिक पटेल ने कहा कि जीएमडीसी मैदान पर जनसभा के बाद महाक्रांति रैली आयोजित की जा रही है। स्थानीय लोगों को असुविधा नहीं हो, इसलिए हमने शहर और गुजरात में पूर्ण बंद का आह्वान किया है। मैं अधिकारियों से कल स्कूल, कालेज और अन्य कारोबार बंद रखने की अपील करता हूं।

कौन हैं हार्दिक पटेल:

हार्दिक पटेल मामूली ग्रैजुएट है। उम्र भी कम है, सिर्फ 22 साल लेकिन, उसके पीछे 2 करोड़ पटेल खड़े हैं। हार्दिख अहमदाबाद के विरमगांव के चंद्रपुर में 20 जुलाई 1993 को जन्मा है। एक मध्यम वर्गीय परिवार में पैदा हुए हार्दिक को भी इस बात का अंदाजा नहीं होगा कि इतनी कम उम्र में वो अपने समाज का नेता बनेगा और एक ऐसे आंदोलन का अगुवा बनेगा जिसने सरकार को हिला कर रख दिया है।

आरक्षण को लेकर हार्दिक ने इस आंदोलन कि शुरुआत तब की जब खुद वो इसका शिकार बना। उसके पड़ोसी लड़के को कम नंबर के बावजूद सरकारी नौकरी मिल गई और वो मुंह देखता रहा। हार्दिक ने जब युवाओं की बात को मंच पर उठाना शुरू किया तो उसे मंझे हुए नेताओं ने भी तवजों नहीं दी। लेकिन हार्दिक को पता था की उसने जिस बात को छेड़ा है वह उसके समाज के तार को जरूर छुएगी, हुआ भी वही महज एक साल के अंदर हार्दिक पटेल का नाम हर पटेल की जुबान पर चढ़ गया खासकर युवाओं के।