साक्षरता की सामग्री खरीद में घोटाला मामले में जाँच के आदेश

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dm bsa diosफर्रुखाबाद: अनपढ़ लोगो को पढ़ाने के लिये साक्षरता कैम्प चलाया जाता है| जिसमे लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से अनपढ़ लोगो को शिक्षा दी जाती है| जनपद के इन्ही 506 केन्द्रों पर उपयोगी सामग्री खरीद में बेसिक शिक्षा विभाग व जिला विधालय निरीक्षक कार्यालय के अधिकारियो ने मिली भगत के चलते लाखो का बंदर बाँट किया\ जिसके सम्बन्ध में शिकायत शासन को की गयी थी| शासन ने जाँच के आदेश जिलाधिकारी सतेन्द्र कुमार को दिये है|

साक्षर भारत मिशन के तहत साक्षर बनाने के लिये जनपद में लगभग 30 हजार परीक्षार्थी चिन्हित किये गये थे| जिसमे 512 ग्राम पंचायतो में 506 लोक शिक्षा केंद्र खोले गये| जिसमे हुये टेंडरो में गोलमाल किया गया| कम कीमत वाले टेंडर में पेंच फंसा कर उसे निरस्त कर दिया गया था| जबकि उससे अधिक कीमत वाले अधिकारियो के चहेते शारदा इंटर प्राइजेज व संजीब इंटर प्राइजेज को सामान सप्लाई का ठेका दे दिया गया था| जिसमे 3127296 लाख रुपये के गोलमाल का आरोप है|

अधिवक्ता धर्मवीर गौतम ने इस सम्बन्ध में शासन में बेसिक शिक्षा विभाग व डीआईओएस विभाग कि मिली भगत से किये गये लाखो के घोटाले कि शिकायत शासन में कि गयी थी| परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान ने शिकायत का संज्ञान लेते हुये जाँच के आदेश दिये है| जाँच का आदेश बीते दिनों जिलाधिकारी कार्यालय को प्राप्त भी हो गया| बजट से अधिक का टेंडर उठाये जाने के बाद यदि जाँच में ईमानदारी दिखाई गयी थी घोटाले में बेसिक शिक्षा के कई धन्ना सेठ अधिकारी व कर्मचारीयो पर कानून का शिकंजा कस सकता है|

जिलाधिकारी