दलित परिवारों के धर्म परिवर्तन पर बखेड़ा

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conversionबरेली: चनेहटी में जाटव समुदाय के लोगों के ईसाई धर्म में परिवर्तन को लेकर कल रात बखेड़ा हो गया। भिड़ंत में शामिल दोनों पक्ष जाटव हैं। सुबह से शुरू मारपीट की घटनाओं में कई चोटिल भी हुए और रात तक थाने पर हंगामा हुआ। चनेहटी में चर्च बनने, प्रार्थना सभाओं के बढऩे और कई लोगों के ईसाई धर्म स्वीकारने से स्थानीय लोगों में चिंगारी काफी दिनों से सुलग रही है। एक ही समुदाय के लोगों में अचानक टकराव भड़क गया। यहां की बीडीसी सदस्य राजकुमारी ईसाई धर्म को मानती हैं। हंगामा करने वालों ने आरोप लगाया कि राजकुमारी की शह पर तमाम लोगों को जबरन ईसाई बनाने की कोशिश की जा रही है। महिलाओं को बहला-फुसलाकर चर्च ले जाना, प्रार्थना सभाओं में बैठाना और प्रलोभन देने की कोशिशें की जा रही हैं। छोटेलाल व नन्कूलाल ने कहा कि पांच जून को धर्मदास, सूरजपाल, उनकी मां शीला को जबरन चर्च ले जाया गया और ईसाई धर्म स्वीकारने का प्रलोभन देकर दबाव बनाया गया। नन्कूलाल ने कहा कि मुझे सवा लाख रुपए देने का लालच दिया गया। यह भी आरोप लगाया कि सोमवार को कई लोगों को पीटा भी गया।

आपसी झगड़ों को दिया सांप्रदायिक रंग : जिन शीला देवी के परिवार को लेकर मुद्दा बनाया जा रहा था। हंगामा के दौरान वह भी अपनी बड़ी बहू रेखा और बीडीसी सदस्य राजकुमारी के साथ थाने पहुंच गईं। उनके पहुंचते ही दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। नोकझोंक चलती रही और पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती रही। शीला देवी ने बताया कि उनके दो बेटे सुरेश और सूरज हैं। उनका आपसी झगड़ा हुआ जिसको लेकर कुछ लोगों ने ईसाईयत का रंग दे दिया। आपसी झगड़े में बेटे सुरेश की पत्नी गीता और सूरज की पत्नी रेखा को चोटें लगीं। इंस्पेक्टर आरके धारीवाल का कहना है कि एक ही परिवार के लोगों में किसी को तकलीफ होने पर प्रार्थना के दौरान तकरार हो गई जिसको मुद्दा बना दिया गया। शराब भट्टी के विरोध में आंदोलन से दो पक्ष गांव में बन गए हैं जो आपस में राजनीतिक टकराव के मुद्दे तलाश रहे हैं। चोटिल हुईं एक ही परिवार की दोनों महिलाओं की मेडिकल जांच कराके एनसीआर दर्ज कर ली गई है।