ना तन पे कपड़ा और ना पेट में अन्न, कैसे लगे पढने में मन

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chldrenफर्रुखाबाद:(राजेपुर) जिले के सरकारी विधालयो में हालत उसी बाढ़ की तरह है जिसके हालत दिनों दिन बढ़ते जा रहे है| जनपद के ना जाने कितने ही विधालय है जिनमे मिड-डे मील का चूल्हा नही जलता| कितने ही यैसे विधालय है जिनके छात्रों को अभी तक ड्रेस व पुस्तके तक नसीब नही हुई|

जिसका जीता जागता उदाहरण राजेपुर अमृतपुर क्षेत्र के ग्राम तौफीक की मढैया जिसमे मिड-डे मील को लेकर गोलमाल चल रहा है| हेडमास्टर प्रधान के ऊपर डाल रहे है और प्रधान तो प्रधान ही है| सभी की मिली भगत के चलते विधालय में पढने वाले बच्चो को विधालय का आधा समय मिड-डे मील के चूल्हे की तरफ निहारते हो जाता है| लेकिन उन नन्ही आँखों को चूल्हे में एक छोटी सी चिंगारी भी नजर नही आती| विधालय के बच्चो ने चीख-चीख कर कहा की विधालय में खाना कभी-कभी ही बनता है| गुरुवार को शासन से तय मानक के अनुसार आलू की सब्जी व रोटी छात्र-छात्रों को परोसी जानी थी| लेकिन बच्चे केबल वर्तन ही बजाते रहे और इन्हें खाली पेट घर भेज दिया गया|

वही विभाग की उदासीनता का आलम यह है कि छात्रों को अभी तक ड्रेस तक वितरित नही कि गयी है| जिससे बच्चे फटे कपड़े पहनकर विधालय आने पर मजबूर है| विधालय में पढने वाली कक्षा दो की छात्र दीपू, शालू, रेखा, रेशमा जितेन्द्र,नेहा ने बताया कि उन्हें अभी तक विधालय से ड्रेस वितरित नही कि गयी है| जिससे विधालय में अव्व्यस्ता का आलम है|