फेसबुक पर की दोस्ती, फिर दोस्तों संग मिलकर किया गैंगरेप

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girl copyनई दिल्ली: फेसबुक पर किसी अजनबी की फ्रेंड रिक्वेस्ट देखकर क्या आपने कभी सोचा कि वो शख्स कौन है, और आपसे दोस्ती क्यों करना चाहता है। अपनी फ्रेंड लिस्ट में सिर्फ दोस्तों की तादाद बढ़ाने के लिए अक्सर लोग हर नई फ्रेंड रिक्वेस्ट को कंफर्म कर देते हैं। लेकिन दिल्ली की एक लड़की को एक अजनबी की फ्रेंड रिक्वेस्ट को कबूल करना भारी पड़ गया। वो गैंगरेप का शिकार हो गई। उसने अपने फेसबुक फ्रेंड पर भरोसे की बड़ी कीमत चुकाई। उसके साथ फेसबुक फ्रेंड और उसके दोस्तों ने गैंगरेप किया।

आपको बताते हैं वो खौफनाक दास्तान, जो 17 साल की इस लड़की पर गुजरी है। इस लड़की ने फेसबुक पर सिर्फ फ्रेंड रिक्वेस्ट देखकर समीर नाम के एक लड़के से दोस्ती कर ली। फिर कमेंट, लाइक और फोटो शेयरिंग का ऐसा सिलसिला चला कि समीर ने पूरी तरह से लड़की को अपने भरोसे में ले लिया। 19 जून को समीर ने फोन कर पीड़िता को अक्षरधाम मंदिर के पास मिलने के लिए बुलाया। उसने बताया कि वो बाइक से आ रहा है। लेकिन जब वो अक्षरधाम पहुंची तो वहां समीर कार में अपने तीन दोस्तों के साथ बैठा दिखा।

फेसबुक फ्रेंड पर भरोसा करके लड़की उससे अकेले मिलने चली गई। लेकिन लड़का उससे मिलने अकेले नहीं आया था। वो अपने तीन दोस्तों के साथ आया था। लड़की को यहीं पर समझ जाना चाहिए था कि अभी अपने फेसबुक फ्रेंड पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता। लेकिन लड़की ने भरोसा किया और फिर अपने खिलाफ बुने गए जाल में फंसती चली गई।

अक्षरधाम के पास जब लड़की और समीर की मुलाकात हुई, तो वो कार में बैठे उसके तीन दोस्तों को देखकर चौंक गई। इसके बाद समीर ने लड़की को कार में बैठने की जिद करने लगा। लेकिन लड़की ने इनकार कर दिया, इसके बाद आरोपियों ने एक नई चाल चली।

पीड़िता का फेसबुक फ्रेंड समीर पूरी साजिश के साथ उससे मिलने आया था। वो अपने साथ ना सिर्फ तीन दोस्तों को साथ लाया था बल्कि नशीली दवाई वाला पानी भी रखा था। पानी पीते ही लड़की बेहोश हो गई, और उसे गाड़ी में बिठा लिया गया। जब लड़की को होश आया तो उसने अपने आपको एक कमरे में पाया। ये कमरा था नोएडा के सेक्टर 62 में, लेकिन अभी लड़की को नहीं पता था कि वो कहां है।

साफ है कि लड़की के साथ उसका फेसबुक फ्रेंड अपने दोस्तों के साथ मिलकर घिनौना खेल खेलना शुरू कर दिया था। वो लड़की को होश में नहीं आने देना चाहते थे ताकि वो चीख-चिल्लाकर आसपास के लोगों को खबर कर सके। इसी दौरान उसके साथ गैंगरेप किया गया। इस बीच लड़की के घरवालों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। ये बात पता चलते ही आरोपियों में डर बैठ गया। पीड़िता के मुताबिक इसके बाद लड़की को कहीं और ले जाकर बेच देने की बातें होने लगीं।

यहां से कहानी में एक हैरान कर देने वाला मोड़ आता है। लड़की के घरवालों के पास एक मैसेज आया कि उसने अपनी मर्जी से अपनी पसंद के लड़के से शादी कर ली है, और अब उसकी तलाश ना की जाए। जिस दिन ये मैसेज आया, उसी रोज आधी रात के वक्त लड़की ने एक मोबाइल फोन से अपने पिता से बात की। इसके बाद इस केस का रुख दूसरी तरफ मुड़ गया।

पीड़िता लड़की के मुताबिक, चारों आरोपियों ने जबरदस्ती उसके मोबाइल फोन से घरवालों को मैसेज भिजवाया कि उसने शादी कर ली है। इसके गैंगरेप करने वाले चारों वहशी लड़की को आगरा ले जाकर बेचने की तैयारी में जुट गए। लेकिन रात के वक्त एक फोन पीड़िता के हाथ लग गया। पीड़िता ने पापा को फोन पर बताया कि उसका पांच लाख रुपए में सौदा हुआ है।

लेकिन लड़की को बेचने का सौदा रदद हो गया। इस बात से नाराज राहुल नाम के आरोपी ने पीड़िता पर ब्लेड से हमला कर दिया। उसके शरीर को जगह-जगह से जख्मी कर दिया। उसके साथ फिर से गैंगरेप किया गया।

अगले दिन यानी 21 तारीख को पड़ोस की एक महिला की मदद से पीड़िता दरिंदों के चंगुल से निकल भागी। महिला ने पीड़िता को कुछ पैसे भी दे दिए। वहां से भागते वक्त उसे पता चला कि वो नोएडा के सेक्टर 62 में थी। पीड़िता एक ऑटो के जरिए मंडावली थाना पहुंची, और वहां अपने साथ हुई दरिंदगी बयां की। लेकिन पीड़िता के मुताबिक यहां पर पुलिस का रवैया चौंकाने वाला था।

आरोप है कि पुलिस ने पीड़िता की पूरी कहानी सुनने के बाद भी बहला-फुसलाकर ले जाने का मामला दर्ज किया, और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं पुलिस ने कोर्ट में ले जाकर पीड़िता से ये बयान भी दिलवा दिया कि वो अपनी मर्जी से अपने दोस्त के साथ गई थी। लेकिन जब इस मामले में एक एनजीओ ने दखल दिया तो पुलिस ने गैंगरेप का केस दर्ज किया।

पीड़िता ने अपने अपहरण से लेकर कर बेचे जाने की साजिश का पुलिस के सामने खुलासा किया लेकिन आरोप है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। सवाल ये कि आखिर पुलिस इसनें संवेदनशील मुद्दे पर पुलिस इतनी संवेदनहीन क्यो जा जाती है।

पुलिस ने इस वारदात में शामिल बाकी आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। इस घटना एक तरफ पुलिस की संवेदनहीनता की तरफ इशारा करती है तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया से बढ़ रहे खतरे को लेकर हमें आगाह भी करती है। हर पल स्टेटस अपडेट करने की होड़ में कहीं आपके बच्चे कोई गलत कदम ना उठा लें, इसलिए आप हर वक्त सतर्क रहें।